Gwalior: 1 मार्कशीट पर सरकारी नौकरी कर रहे थे 2 भाई, 43 साल बाद ऐसे हुआ पर्दाफाश

हेमंत शर्मा

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Gwalior Crime news: 43 साल तक ग्वालियर नगर निगम में सहायक वर्ग 3 की नौकरी चलती रही. रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आ गया था. लगने लगा था कि अब रिटायरमेंट के बाद आराम से जिंदगी गुजरेगी, लेकिन एक शिकायत ने सब कुछ बर्बाद करके रख दिया. क्योंकि शिकायत में इस बात का खुलासा हो गया कि 43 साल पहले जो अंक सूची लगाकर सहायक वर्ग तीन की नौकरी हासिल की गई थी, वह अंक सूची तो फर्जी है.

यह पूरा मामला ग्वालियर नगर निगम के सहायक वर्ग 3 के कर्मचारी कैलाश कुशवाह का है, जिन्होंने अपने भाई की अंकसूची लगाकर नगर निगम में नौकरी हासिल की और 43 साल तक ठाट से नौकरी करते रहे. लेकिन एक शिकायत ने उनकी यह पोल खोल दी और अब कैलाश कुशवाह के खिलाफ यूनिवर्सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

43 साल बाद ऐसे खुली पोल

मुरैना निवासी कैलाश कुशवाह ने अपने भाई रणेंद्र कुशवाह की अंकसूची का इस्तेमाल करते हुए ग्वालियर नगर निगम में जून 1981 को नौकरी हासिल कर ली थी. इसके बाद कैलाश कुशवाह आराम से अपनी नौकरी करता रहा. उसे अंदाजा नहीं था कि उसने नौकरी हासिल करने के लिए कितना बड़ा फर्जी बड़ा कर दिया है. कैलाश कुशवाह की पोल-पट्टी की हकीकत उस वक्त सामने आ गई, जब मुरैना के ही अशोक कुशवाह ने कैलाश कुशवाह द्वारा किए गए इस फर्जीबाड़े की शिकायत नगर निगम में की थी. शिकायत मिलने पर नगर निगम ने विभागीय जांच शुरू की. माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल में कैलाश कुशवाह द्वारा नौकरी हासिल करने के लिए लगाई गई अंक सूची का रिकॉर्ड भी खंगाला गया, तो मालूम हुआ कि जो अंक सूची कैलाश कुशवाह द्वारा नौकरी हासिल करने के लिए लगाई गई थी वह अंक सूची तो रणेंद्र सिंह कुशवाह के नाम पर है.

दर्ज हुई FIR

यह खुलासा होने पर कैलाश कुशवाह को अगस्त 2023 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद नगर निगम के ही डिप्टी कमिश्नर अनिल दुबे ने यूनिवर्सिटी थाने में कैलाश कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. कैलाश कुशवाह पर पुलिस ने धारा 420 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. खास बात यह है कि कैलाश कुशवाह का भाई रणेंद्र सिंह कुशवाह भी सरकारी नौकरी में है. वह राज्य पावर लूम बुनकर सहकारी शाखा ग्वालियर में कार्यरत है. एक ही अंक सूची पर दोनों भाई सरकारी नौकरी कर रही थे.

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अब होंगे सलाखों के पीछे?

ऋषिकेश मीणा एडिशनल एसपी ग्वालियर ने कहा कि-विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज हुई है, दोनों भाई कर्मचारी हैं. एक भाई ने दूसरे भाई की मार्कशीट का उपयोग करके लाभ उठाने की कोशिश की है. नगर निगम में उसके खिलाफ पहले से ही कार्रवाई चल रही है. कल विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर हुई है. टीम गठित करके गिरफ्तारी का टास्क दे दिया गया है.

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