अफ्रीकन चीता उदय का पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार, रिपोर्ट में होगा मौत के कारणों का खुलासा
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Madhya Pradesh: देश में विलुप्ती की कगार पर आ चुके चीतों को वापस लाकर बसाने के लिए शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट को एक महीने के अंदर दूसरा बड़ा झटका लगा है. वजह है कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में से अब दूसरे चीते की मौत हो गई है. चीता उदय की मौत से वनकर्मियों में दुख का माहौल है. अब उदय का प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.
रविवार को दक्षिण अफ्रीका से लाये गए 12 चीतों में से एक नर चीता उदय की मौत हो गई है. कूनो प्रबंधन द्वारा 6 वर्षीय चीता उदय की मौत के बाद सोमवार को उसका पोस्टमार्टम कराया गया और उसके बाद ससम्मान उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. हालांकि पीएम रिपोर्ट देर रात तक भी तैयार नहीं हो पाई, लेकिन विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कार्डियोपल्मोनरी फेलियर से चीते की मौत होना माना जा रहा है.
पोस्ट मार्टम में पता चलेगी मौत की वजह
सोमवार की सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास चीता उदय का पोस्टमार्टम किया गया. जिसमें भोपाल वन विहार से आए डॉ.अतुल गुप्ता के नेतृत्व में दो सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने उदय का पोस्टमार्टम करते हुए पूरी बारीकी से मौत के कारण जानने का प्रयास किया. साथ ही निर्धारित फार्मेट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे भारत सरकार को भी भेजा जाएगा. पीएम के बाद कूनो प्रबंधन ने निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उदय का अंतिम संस्कार कर दिया.
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पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने बताया कि रविवार को चीता उदय की मौत के बाद सोमवार को दो सदस्यीय वेटेरियन के दल ने चीता के शव का पोस्ट मार्टम किया. शुरुआती तौर पर चीते की मौत की वजह कार्डियोपल्मोनरी फेलियर मानी जा रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह का पता चल सकेगा.
प्रोजेक्ट टाइगर पर लगा ग्रहण
नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाकर यहां बसाए गए थे. चीतों को चरणबद्ध तरीके से पहले क्वारन्टीन बाड़े में और फिर बड़े बाड़े और उसके बाद खुले जंगल में रिलीज करने का सिलसिला जारी है, लेकिन इसी बीच दो चीतों की मौत के बाद प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. नामीबियाई मादा चीता और एक दक्षिण अफ्रीकी नर चीते की मौत के बाद वन विभाग सकते में है. इससे पहले नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी संक्रमण के कारण मौत हो गई थी.
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