पिता की कोरोना में चली गई थी जान, बेटे जय ने उनके सपने को पूरा करने के लिए UPSC किया क्रैक

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Father's life was lost in Corona, son Jai cracked UPSC to fulfill his dream
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UPSC Results 2022: मध्य प्रदेश के बैतूल के जय बारंगे ने UPSC परीक्षा में 587वीं रैंक हासिल की है. जय के पिता चाहते थे कि उनका बेटा आईएएस बने और हमेशा उसको बोलते थे कि भरोसा रखो सफलता मिलेगी. कोरोना से पिता की मौत हो गई, लेकिन बेटे ने पिता का सपना साकार करने के लिए रात दिन एक कर दिया. जय ने यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर ली है.

25 साल के जय के पिता सुभाष चंद्र बारंगे सरकारी प्राथमिक स्कूल में टीचर थे. 2021 में कोविड से उनकी मौत हो गई. परिवार पर संकट आ गया था. इस दौरान जय यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. पापा की मौत का सदमा भी था. तो दूसरे तरफ पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधे पर थी. परिवार में दो बहिन और मां हैं. 

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पिता का सपना पूरा करने के लिए जय ने दिन रात की मेहनत
जय के पिता का सपना था कि बेटा बड़ा अफसर बने. बेटे ने पिता का सपना पूरा करने लिए दिन रात मेहनत की लेकिन शुरूआती अटेम्प्ट में जय के हाथ केवल निराशा और असफलता लगी. इसी दौरान कोविड का दौर शुरू हो गया. और कोरोना संक्रमण के दौरान ही जय के पिता का निधन हो गया. जय को पिता के ऐसे अचानक जाने का सदमा बैठ गया था. लेकिन पिता के जाने के बाद परिवार का सहारा केवल जय ही था. जय ने अपनी दोबारा तैयारी शुरू की जिसके बाद आज जय के पिता का सपना पूरा हो गया. जय आज के दिन अपने पिता को सबसे ज्यादा मिस कर रहें हैं. जय ने बताया कि पापा जहां भी होगें आज उन्हें अपने बेटे पर फक्र होगा.

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चाैथे अटेम्प्ट में मिली जय को सफलता
जय अपने पहले प्रयास में असफल रहे, लेकिन उस दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तैयारी करते रहे. लेकिन जब दोबारा और तीसरी बार भी सफलता नहीं मिली तो जय हताश हो चुके थे. इस दौरान उन्हें अपने पिता की कही गई बात याद आई. जिसने उन्हें आगे तैयारी करने की हिम्मत दी, और आखिरकार जय को अपने चौथे अटेम्प्ट में सफलता हाशिल हुई. जय ने UPSC की तैयारी के लिए भोपाल में रहकर तैयारी की है. सबसे बड़ी परीक्षा पास करने के लिए जय ने सेल्फ स्टडी से अपना मुकाम हासिल किया है.

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सोशल लाइफ से बेटे न बना ली थी दूरी
जय की मां संगीता का कहना है मेरे 3 बच्चे हैं और तीनों ही पढ़ने लिखने में बहुत ही होशियार हैं. बेटा ने यूपीएससी परीक्षा मैं जो सफलता पाई है. उससे पूरा परिवार गौरवान्वित है खुशी का माहौल है. अच्छा लग रहा है बच्चे पढ़ाई को लेकर इतने गंभीर हैं. कि वे कभी शादी विवाह में नहीं गए. बेटे की जिद है कि मन की पॉजीशन नहीं मिली तो दोबारा परीक्षा दूंगा.

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