गुना: प्रधान आरक्षक के निलंबन पर शुरू हो गई राजनीति, दिग्विजय सिंह ने लगाए सरकार पर ये बड़े आरोप
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guna news: मध्यप्रदेश के गुना में एसएएफ की बटालियन में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक के निलंबन का मामला राजनीति के केंद्र में आ गया है. गुना जिले की 26वीं बटालियन में पदस्थ प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया की ड्यूटी मुरैना में डी-कंपनी कैंप वन विभाग में लगाई गई थी. विक्रम अछालिया डी-कंपनी के साथ पिछले 6 महीने से मुरैना में ड्यूटी कर रहा था. 16 मई 2023 को कार्यवाहक प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया गणना से नदारद मिला. जिसके बाद 26 वीं बटालियन के कमांडेंट द्वारा विक्रम अछालिया को निलंबित कर दिया गया.
प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को दूरभाष पर संपर्क किया गया व बैरिक एवं अन्य स्थानों पर तलाशा गया लेकिन विक्रम अछालिया कहीं नहीं मिला. विक्रम अछालिया की अनुपस्थिति रिपोर्ट रोजनामचा क्रमांक- 288/0700 में दर्ज की गई है. विक्रम अछालिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
इस मामले में निलंबित प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया का कहना है कि 16 मई को भोपाल में जयस का कार्यक्रम था. हमारे परिवार का कार्यक्रम था. जिसमें शामिल होने के लिए प्रभारी कंपनी कमांडर घनश्याम शर्मा से एक दिन का अवकाश मांगा था. अवकाश देने से कंपनी कमांडर ने मना कर दिया. महज 6 घंटे के अंदर ही मुझे निलंबित कर दिया गया जो आश्चर्यजनक बात है.
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दिग्विजय सिंह ने लगाए गंभीर आरोप
दिग्विजय सिंह ने कहा ” विक्रम अछालिया जयस का अध्यक्ष है और आदिवासियों के सामाजिक गतिविधियों में भाग लेता है. भाजपा सरकार उसे भोपाल में आयोजित जयस दिवस में शामिल नहीं होने देना चाहती थी. यदि भाजपा आदिवासियों के सामाजिक आयोजन में भी राजनैतिक हस्तक्षेप करेगी तो यह अनुचित है.यदि शिवराज चौहान वाक़ई में आदिवासियों के शुभ चिंतक हैं तो वे विक्रम अछालिया को तत्काल बहाल करें”. वहीं 26 वीं बटालियन के कमांडेंट विकास पाठक ने बताया कि प्रधान आरक्षक को निलंबित करते हुए गुना में अटैच किया गया है. अनुशासनहीनता के चलते यह कार्यवाही की गई है.
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