खजराना गणेश को बंधती है 40×40 इंच की बड़ी राखी, इसमें होता है देश की उपलब्धियों का बखान

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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Indore News: खजराना गणेश (Khajrana Ganesh indore) को प्रतिवर्ष बांधी जाने वाली विश्व (World biggest rakhi) की सबसे बड़ी राखी इस वर्ष भी 31 अगस्त को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बांधी जाएगी. 20 वर्षों से निरंतर चली आ रही खजराना गणेश को बांधी जाने वाली राखी को गोल्डन बुक (goldan book) ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी स्थान प्राप्त हो चुका है. तीन माह से दिन रात एक कर पालरेचा परिवार और उनकी टीम ने राखी पर नक्काशी कर भारत की उपलब्धियां को बताया है. इस अनोखी राखी को 30 से 40 कलाकारों ने मिलकर तैयार किया है.

इस वर्ष खजराना गणेश को बांधी जाने वाली राखी की थीम भारत की उपलब्धियां दिखाई गई हैं. जिसमें जिसमें दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र, चंद्रयान-3(Chandrayaan), नया संसद भवन, वंदे भारत एवं ईस्ट, वेस्ट, साऊथ और नार्थ में स्थित देशों को दर्शाया गया है. पुंडरीक पालरेचा परिवार ही इन्दौर के अति प्राचीन 10 मंदिरों पर भारत की उपलब्धियों की थीम पर तैयार की गई राखी बांधी जाएगी. 

20 सालों से एक ही परिवार बना रहा ये खास राखी

विश्व प्रसिद्ध भगवान खजराना गणेश को प्रतिवर्ष बांधी जाने वाली विश्व की सबसे बड़ी राखी इस वर्ष भी 31 अगस्त को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पुंडरीक पालरेचा परिवार द्वारा बांधी जाएगी. वहीं पुंडरीक पाल रिचा के अनुसार 20 वर्षों से परिवार खजराना गणेश व अन्य प्राचीन मंदिरों के लिए इस तरह की बडी राखी का निर्माण कर रहा है. इस बार की राखी की खासियत यह है कि इस राखी में भारत का मानचित्र चंद्रयान-3 नया संसद भवन वंदे भारत राष्ट्रीय चिन्ह और राज दंड सेंगोल की हूबहू प्रतिकृति राखी में दर्शाया गया है. जो देशभक्त के साथ ही भारत की उपलब्धियां को दर्शा रही है.

क्या है इस खास राखी की खासियत

राखी बनाने वाले परिवार का कहना है कि “इस राखी को बनाने में तीन माह का समय लगा है. जिसमें 30 से 40 लोगों ने दिन-रात मेहनत की है. इस राखी का साइज 40×40 है.  इस राखी के नाग और नगीनों को भारत के अन्य राज्यो से जिसमे जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, सूरत, मुंबई जैसे बड़े शहरों से सामग्री मंगाई गई है. राखी निर्माण के लिए इस बड़ी राखी को गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज किया गया है. वहीं पालरेचा परिवार विश्व के सबसे बड़ी राखी को गिनीज बुक का वर्ल्ड रिकॉर्ड नाम दर्ज करने के लिए पिछले पांच वर्षों से प्रयास कर रहा है.

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इंदौर जेल में भी बनाई जा रही राखियां

इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल जेल परिसर में ही शुरू की गई है. जिसके तहत रक्षाबंधन के मद्देनज़र 40 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनसे राखी बनाने का कार्य करवाया जा रहा है. इन तैयार राखियों को जेल में बनी अन्य वस्तुओं की तरह ही बाजार में बेचा जाएगा. जो मुनाफा होगा वो कैदियों को वापस दे दिया जाएगा.

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