Rajgarh: नारायण बोले- 'राज्यमंत्री हूं, CEO को सस्पेंड करो', किस मामले पर कलेक्टर पर भड़के मंत्री
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Rajgarh News: घटना ब्यावरा जनपद की है, यहां के पंचायत सीईओ के खिलाफ रिश्वत का आरोप लगाकर लोग दो दिन से विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सरपंच के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोग ब्यावरा के विश्राम गृह पहुंच गए, जहां समीक्षा बैठक करने आए मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास विभाग राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार समेत कलेक्टर हर्ष दीक्षित से कहा कि पंचायत सीईओ को निलंबित करो, आधार कोई भी बनाओ, अगर नहीं करोगे तो कल सुबह से धरने पर बैठूंगा.
दरअसल, ब्यावरा जनपद की 9 पंचायतों में काम स्वीकृति की एवज में 20 प्रतिशत रिश्वत लेने के आरोप लगाकर विरोध में सभी सरपंच बीते 4 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.
ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की जरूरत नहीं: पंवार
सरपंचों ने जनपद सीईओ के विरुद्ध ज्ञापन सौंपते हुए सीईओ को हटाने की मांग की है. सरपंचों की समस्या सुनने के बाद मंत्री पंवार ने कलेक्टर हर्ष दीक्षित को निर्देश देते हुए बताया कि "सीईओ के खिलाफ पहली बार शिकायत नहीं आई है लंबे समय से शिकायतें मिल रही हैं. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की यहां जरूरत नहीं है इन्हें कल तक यहां से हटा दें.यदि नहीं हटाया गया तो मैं सरपंचों के साथ हूं,मैं भी सरपंचों के साथ धरने पर बैठूंगा."
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कलेक्टर ने की कार्रवाई
इसके बाद कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ जनपद कार्यालय पहुंचे और सीईओ को हटा दिया है.
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क्या था मामला
सरपंचों ने ब्यावरा जनपद सीईओ ईश्वर सिंह वर्मा पर भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बार बुधवार को जनपद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी हुआ. सरपंचों ने अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया, ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि सीईओ द्वारा सामग्री के भुगतान के लिए 7 से 10 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है और कोई भी नवीन कार्य स्वीकृत करवाने के लिए सीईओ द्वारा 10 प्रतिशत राशि ली जा रही है.
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मेरे यहां भ्रष्ट अधिकारियों की जरूरत नहीं: मंत्री
सरपंचों की तमाम शिकायतें सुनने के बाद मंत्री पंवार ने कलेक्टर से कहा, "सीईओ के खिलाफ पहली बार शिकायत नहीं आई है, यह सरपंच लंबे समय से परेशान हैं. लंबे समय मेरे पास शिकायतें लेकर आ रहे हैं. लेकिन मुझे लग रहा था कि वह समझ जाएंगे और सब सामान्य हो जाएगा. पहले वैसे भी आचार संहिता लगी थी, इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा. लेकिन अब यह स्पष्ट है कि मेरे यहां पर भ्रष्ट अधिकारियों की जरूरत नहीं है."
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे हर कीमत पर काम करने वाले अधिकारी चाहिए, भ्रष्टाचार करने वालों की जरूरत नहीं है. इनके कार्यकाल का रिकार्ड खंगालिए, फाइलें चेक कीजिए. इन जनपद सीईओ को हटाने के लिए प्रस्ताव भेजिए और यहां से हटाइए. यदि इन्हें नहीं हटाया तो मैं सरपंचों के साथ धरने पर बैठ जाऊंगा."
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109 सरपंच की एक ही मांग
सरपंच संघ के एक प्रतिनिधि ने आरोप लगाए कि वह 10 परसेंट रुपए लेने के बाद ही काम को मंजूरी देता था. वहीं बेरियाखेड़ी के सरपंच कमल पवार ने बताया, "हम 109 पंचायतों के सरपंच यहां आए हैं, ब्यावरा जनपद के सीईओ हर काम के लिए 5 से 10 परसेंट मांगते हैं, जो पैसे नहीं देते उनकी फाइलें पड़ी रहती हैं. अभी सामग्री की राशि आई थी, उन्होंने 7 परसेंट लेकर जिनके पैसे पहुंच गए. उनको दे दिया. स्वच्छता अभियान की राशि में भी 20 परसेंट लेकर जिनने पैसे दिए उनको दी जबकि वो सभी पंचायतो में समान रूप से दी जाना चाहिए था.
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