MP: मजदूर की हालत देख पसीज गए कलेक्टर, स्कूल पर लिया ऐसा एक्शन कि होने लगी चर्चा, जानें

हेमंत शर्मा

ADVERTISEMENT

मजदूर की हालत देख पसीज गए कलेक्टर,
मजदूर की हालत देख पसीज गए कलेक्टर,
social share
google news

MP News:  दिन के ₹500 कमाने वाला मजदूर अपने बच्चे की सिलेबस की किताबें लेने पहुंचा. तो उसकी जेब के रुपए कम पड़ गए. जैसे-तैसे आधा-अधूरा सिलेबस तो मजदूर ने खरीद लिया. लेकिन, सीधा जाकर कलेक्टर के सामने इस बात की शिकायत भी कर दी. कि, स्कूल प्रबंधन द्वारा जबरन एक ही दुकान की पर्ची देकर वहां से महंगी पुस्तक खरीदवाई गई है. कलेक्टर ने शिकायत मिलते ही स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर दिया है. और नोटिस का जवाब मिलने तक स्कूल की मान्यता भी निरस्त कर दी है.

स्कूल की तरफ से दी गई दुकान की पर्ची

जानकारी के मुताबिक यह पूरा घटनाक्रम भिंड का है. भिंड के हलवाई खाने में रहने वाले इमदाद खान पेशे से कारपेंटर हैं. रोजाना मेहनत करके इमदाद खान ₹500 कमाते हैं और इन्हीं रुपए से इमदाद खान का घर खर्च चलता है. इमदाद का बेटा अदनान पास के ही सानिध्य विद्या निकेतन स्कूल में कक्षा 2 का छात्र है. बीते रोज इमदाद को स्कूल की तरफ से बुक खरीदने के लिए एक पर्ची थमाई गई. पर्ची पर सुविधा बुक सेंटर का नाम लिखकर इमदाद से कहा गया, कि वह सिलेबस की किताबें इसी दुकान से खरीद कर लाएं.

किताबे खरीदने पड़ गए पैसे कम

इमदाद किताबें लेने पहुंचा, तो पूरा सिलेबस 2130 रुपए का निकला. इमदाद की जेब में सिर्फ ₹2500 थे. सिलेबस के साथ ₹500 की नोटबुक भी खरीदना थी. लेकिन, पैसे कम पड़ जाने की वजह से इमदाद नोटबुक नहीं खरीद सका. इमदाद ने पैसे कम करने की गुजारिश भी की, लेकिन बात नहीं बनी. जिसके बाद इमदाद ने 2130 रुपए में सिलेबस खरीद लिया और बिल लेकर सीधा कलेक्टर के पास पहुंच गया. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

कलेक्टर ने तुरंत लिया एक्शन

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को इमदाद ने अपनी परेशानी बयान करते हुए बताया, कि स्कूल की तरफ से मनमानी करते हुए एक निश्चित दुकान से किताबें खरीदवाई गई है. कलेक्टर ने जब सिलेबस चेक किया, तो वह सभी प्राइवेट बुक्स निकली. उनमें कोई भी एनसीईआरटी की बुक नहीं थी. जिसके बाद कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्कूल प्रबंधन को 7 दिन का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. नोटिस का जवाब मिलने तक स्कूल की मान्यता को भी कलेक्टर की तरफ से निरस्त कर दिया गया है. 

क्या बोली स्कूल संचालक

हालांकि इस मामले में स्कूल संचालिका दीपमाला श्रीवास्तव का कहना है, कि "हमारे यहां से कोई प्रेशर नहीं दिया जाता है. एनसीईआरटी की बुक्स चल रही हैं. वह बुक्स कहां लेने गए कैसे किया हम लोगों को यह जानकारी नहीं है. हमारे यहां एनसीईआरटी की बुक चल रही हैं. हमने किसी को कुछ नहीं बोला है. बातचीत होगी तो हम भी अपना पक्ष रखेंगे.

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: MP Politics: CM मोहन यादव अचानक फिर पहुंचे दिल्ली, गृहमंत्री शाह से मिले, किस बात पर हुई मंत्रणा?

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT