रूबीना बनी ‘रक्षा’, हिंदू धर्म अपनाकर रचाई शादी, कहा- मेरा जन्म ही सनातन में…
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Khandwa News: खण्डवा के महादेवगढ़ शिव मन्दिर में एक मुस्लिम युवती ने हिन्दू युवक से यज्ञ आहुति के सामने हिंदू रीति रिवाज से विवाह रचाया और हिन्दू धर्म भी अपनाया है. युवक-युवती दोनों बुरहानपुर के रहने वाले है. उन्होंने खण्डवा आकर शादी की है. रूबीना का नाम बदलकर अब रक्षा कर दिया गया है. रक्षा का कहना है कि बचपन से ही उसे सनातन धर्म आकर्षित करता था. इसमें महिलाओं का बहुत सम्मान है. उसे सभी हिन्दू त्यौहार भी अच्छे लगते है. अब जब उसे एक हिन्दू युवक से प्रेम हुआ तो विवाह के साथ ही उसने सनातन भी अपना लिया.
जानकारी के मुताबिक खण्डवा के महादेवगढ़ मंदिर में श्रावण मास में भक्तो की खासी भीड़ रहती है. उसमे भी सोमवार को इनकी संख्या और बढ़ जाती है. इन्हीं भक्तो की भीड़ में एक युवती भी भोलेनाथ की पूजा में तल्लीनता से लगी हुई थी. आरती में भी हिस्सा ले रही थी लेकिन जब लोगो को पता चला कि वह मुस्लिम युवती है जिसका नाम रुबीना है तो सभी चौंक गए.
रूबिका को बचपन से ही पसंद था हिंदू धर्म
रुबीना ने इसे बहुत सहजता से लिया और उसने कहा कि सनातन धर्म के प्रति उसके मन में शुरू से ही आकर्षण है. हिन्दू तीज त्योहारों को भी वह मनाना पसंद करती है. इसलिए बुरहानपुर के हिन्दू युवक प्रतीक सोलंकी से विवाह के साथ ही उसे सनातन धर्म अपनाने में ज़रा भी संकोच नहीं हुआ. रूबिका(रक्षा) ने बताया कि हिंदू धर्म में बहुत सम्मान मिलता है.मैं बचपन से देखा करती थी ,कि महिलाओं को पूजा जाता है.
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हिंदू रीति-रिवाज से रचाया विवाह
इस शादी में वर पक्ष के परिजन तो शामिल हुए लेकिन वधु पक्ष से कोई परिजन नज़र नहीं आया. प्रतीक सोलंकी बुरहानपुर का युवक है जिसे एक मुस्लिम युवती से प्यार हो गया था. उसके विवाह को लेकर परिजन भी तैयार हो गए, लेकिन लड़की के परिजन संभवतः सहमत नहीं थे. इसीलिए दोनों ने खण्डवा के महावदेवगढ़ में आकर विवाह रचाया है.
शादी के तुरंत बाद जोड़ा हरिद्वार रवाना
महदेवगढ़ मंदिर के संरक्षक ने बताया कि “बिटिया रुबीना पास ही बुरहानपुर जिले की है. वह भी बाल्यकाल से सनातन से प्रभावित थी. उसके धर्म की हिंसा से वह प्रताड़ित थी, उसका कहना था सनातन में नारी को मां दुर्गा के रूप में पूजा जाता है. उसने अपनी पसंद से प्रतीक सोलंकी से यहां महादेवगढ़ में यज्ञ आहुति के सामने अपना विवाह संपन्न किया. यहाँ से वो हरिद्वार, मां गंगा की गोद में गई है.
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