नाबालिग आदिवासी बालिका का अपहरण कर 3 राज्यों में घुमाते रहे बदमाश, फिर पुलिस को ऐसे मिली
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Guna News: आदिवासी बेटियों को अगवा करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. गुना जिले की बमोरी विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. बमोरी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी परिवार गुजरात में मजदूरी के लिए पलायन करते रहते हैं. सिरसी थाना क्षेत्र के सालोदा गांव का आदिवासी परिवार भी गुजरात मजदूरी के लिए गया था, लेकिन कुछ बदमाशों ने 13 मार्च 2024 को14 वर्षीय नाबालिग बच्ची को गुजरात से अगवा कर लिया. चारों बदमाश बच्ची को उत्तर प्रदेश और उसके बाद दिल्ली ले गए. इस दौरान आदिवासी लड़की का शोषण भी किया गया.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिजनों ने अपनी बेटी को खोजने के लिए पुलिस से गुहार लगाई. भारतीय मजदूर संघ के गुना जिला संयोजक धर्मस्वरूप भार्गव ने बताया कि बच्ची को ढूंढने के लिए कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की. इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने भी लापता आदिवासी लड़की को ढूंढने में खासी मेहनत की. दिल्ली पुलिस की मदद से जैसे तैसे पीड़िता आरोपियों के चंगुल से मुक्त होकर दिल्ली से झांसी और बीना होते हुए गुना पहुंच गई.
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बच्ची को उसके माता पिता से मिलवाया। ढाई महीने बाद आदिवासी बच्ची वापिस गुना लौटी लेकिन पुलिस ने पीड़ित बच्ची का मेडिकल भी नहीं कराया.
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सीएम शिवराज ने दी आर्थिक सहायता
बमोरी क्षेत्र से कई आदिवासी परिवार गुजरातऔर महाराष्ट्र मजदूरी के लिए पलायन करते हैं. कुछ समय पहले महाराष्ट्र में मजदूरी के लिए गए आदिवासी परिवार की 2 बेटियों को अगवा कर के बेच दिया गया था. एक अन्य बच्ची को झाबुआ से अगवा किया गया था. आदिवासी मजदूर परिवारों की नाबालिग बेटियां बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट होती हैं. जिन्हें अन्य राज्यों में मजदूरी के दौरान अगवा कर लिया जाता है.
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