Tiger Death News: MP में नहीं थम रहा बाघों की मौत का सिलसिला, अब रातापानी टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत

राजेश रजक

ADVERTISEMENT

रातापानी टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत
रातापानी टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत
social share
google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

मध्य प्रदेश में बाघों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

point

एक के बाद एक बाघ की मौत की खबरें आ रही हैं.

point

अब भोपाल से सटे रायसेन जिले में रातापानी टाइगर रिजर्व में एक बाघ का शव मिला है.

Bhopal Tiger Death News: देश के टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक बाघ की मौत की खबरें सामने आ रही हैं. अब भोपाल से सटे रायसेन जिले में रातापानी टाइगर रिजर्व के चिकलोद रेंज में एक बाघ का शव मिला है. वन विभाग की टीम ने बाघ का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए वन विहार और स्थानीय डाक्टर्स की टीम को बुलाया है. पोस्टमॉर्टम के बाद ही बाघ की मौत खुलासा होगा कि आखिर उसकी मौत कैसे हुई?

जानकारी के अनुसार, वन विभाग को रातापानी टाइगर रिजर्व अभ्यारण में बाघ की लाश पड़े होने की सूचना मिली थी, जिसे वन विभाग के दस्ते द्वारा बाघ की लाश खोजने के लिए सर्चिंग शुरू की गई थी. बता दें कि बाघ पानी में मृत अवस्था में आशापुरी के डैम के पास पड़ा मिला. जिसके बाद वन विभाग भोपाल के सीसीएफ राजेश खरे और औबेदुल्लागंज डीएफओ हेमंत रैकवार सहित अन्य वन अधिकारी मौके पर पहुंचे. जानकारी है कि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बाघ की मौत के बारे में फोन पर जानकारी देने से बच रहे हैं.  

क्या बोले डीएफओ? 

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए डीएफओ हेमंत रैकवार ने बताया कि चिकलोद रेंज के अंतर्गत आने वाली बीट 330 आशापुरी के जंगल में बाघ मृत पाया गया है. बाघ की लाश सड़ी अवस्था में मिली है. इसकी फॉरेंसिक की टीम द्वारा जांच पड़ताल भी कराई गई है. उन्होंने कहा कि बाघ की मौत किन कारणों से हुई है, उसके बारे में पता लगाने के लिए उसका पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. साथ ही डीएफओ ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत के बारे में कुछ बताया जा सकता है. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

पहले भी हो चुकी कई बाघों की मौत

 इससे पहले मई महीने में सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में एक बाघिन का शव मिला था. हालांकि इस बाघिन की मौत स्वाभाविक बताई गई थी क्योंकि शरीर के सभी अंग दांत, नाखून, पंजे आदि सुरक्षित पाए गए थे. अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2022 के अनुसार, मध्य प्रदेश 785 बाघों का घर था, जो देश में सबसे अधिक है.  

ये भी पढ़ें: रायसेन: बाघ की तलाश में वन विभाग का 36 गांव के लिए किया रेड अलर्ट जारी, तलाश में जुटी कई टीमें

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT