MP: गुस्साए किसान ने 12 बीघा में उगाई सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला, वजह भी बताई
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MP Farmers: मंदसौर की गरोठ तहसील के देवरिया गांव किसान कमलेश पाटीदार ने खड़ी सोयाबीन फसल पर 2 रोटावेयर चला दिए और पूरी फसल को रौंद डाला. उन्हें उपज का सही भाव नहीं मिला तो मजबूर होकर लगभग 12 बीघा खेत जोत डाला.
MP Farmers News: मध्य प्रदेश के मंदसौर से किसान और उसकी लाचारी की तस्वीरें सामने आई हैं. एक किसान ने गुस्से में 12 बीघे में मेहनत से उगाई गई सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर से रौंद दिया. दरअसल, किसान को फसल का सही दाम नहीं मिला. जिससे परेशान होकर किसान ने अपनी ही फसल को ट्रैक्टर से कुचल दिया. अब इस पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की मोहन सरकार से लेकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को सवालों के घेरे में लिया है.
मंदसौर की गरोठ तहसील के देवरिया गांव किसान कमलेश पाटीदार ने खड़ी सोयाबीन फसल पर 2 रोटावेयर चला दिए और पूरी फसल को रौंद डाला. उन्हें उपज का सही भाव नहीं मिला तो मजबूर होकर लगभग 12 बीघा खेत जोत डाला. किसान ने दो रोटावेयर मशीनों से खेत में लहलहाती सोयाबीन को नष्ट कर दिया है. अब इस मामले में विपक्षी कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है.
जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट किया वीडियो, साधा निशाना
मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किसान के फसल पर ट्रैक्चर चलाने के मामले में सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा- "मंदसौर के गरोठ में चौंकाने वाला और फिर से चिंता बढ़ाने वाला घटनाक्रम हुआ! किसान कमलेश पाटीदार जी ने सोयाबीन की फसल पर केवल इसलिए ट्रैक्टर चला दिया, क्योंकि बाजार का भाव नफा की बजाय नुकसान का सौदा दे रहा था. डॉक्टर मोहन यादव जी, कृषि कल्याण के झूठे दावे बीजेपी की पहचान से जुड़ गए हैं. नरेंद्र मोदी जी ने भी विधानसभा चुनाव में गेहूं/सोयाबीन के एमएसपी का वादा किया, लेकिन भाजपा ने सत्ता में वापसी करते ही सब कुछ भुला दिया."
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी पटवारी ने पूछा सवाल
जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से भी गरोठ का गमगीन किसान सिर्फ यही पूछना चाहता है. मध्य प्रदेश के किसान कब तक फसल पर ट्रैक्टर चलाएंगे? सही दाम नहीं मिलने पर उपज सड़क पर फेंकेंगे?
किसान ने बताई अपनी परेशानी
किसान कमलेश पाटीदार ग्राम देवरिया तहसील गरोठ के निवासी हैं. उन्होंने कहा- मैंने लगभग 12 बीघा जमीन जिसमें सोयाबीन की फसल लगाई थी, जिसे आज रक्षाबंधन के दिन रोटावेटर से हकाई करवा दी है. मैं कई वर्षों से सोयाबीन की खेती करते आ रहा हूं. लेकिन आज के हालातों में सोयाबीन की खेती करना मुझे घाटे का सौदा लग रहा है.
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मैंने पिछले साल की 140 कुंटल सोयबीन 16 अगस्त 2024 को 3800 रुपये क्विंटल में बेची, जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. आज की परिस्थिति में सोयबीन बोने से अच्छा है. खेत को खाली रख दिया जाए. ताकि खेत की उर्वरा शक्ति बची रहे. मैं सभी किसान भाइयों से यही कहूंगा कि आने वाले समय में अगर सोयाबीन 3000 से 3500 रुपये कुंटल बिकता है तो सोयाबीन की खेती पूरी तरह से घाटे का सौदा होगा.
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किसानों से कर डाली अपील
आज तमाम तरह की दवाईयां, खाद बीज की कीमतें आसमान छू रही हैं. किसानों की फसल आज भी उसी 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल बनी हुई है. मैं किसान भाइयों से यही कहूंगा कि सोयाबीन की फसल बोने से अच्छा है कि खेत खाली रख दें. ऐसी फसल बोएं जिससे लागत निकालना आसान हो.
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MSP से कम पर बिक रही सोयाबीन, ऐसे में क्या फायदा?: किसान
मैं कल अपनी 12 13 बीघा सोयाबीन फसल पर 2 रोटावेटर चला कर फसल नष्ट कर दी. नष्ट करने का कारण यह है कि जो पुराने सोयाबीन हमारे पास पड़े थे वह 3800 के करीब बिके थे. फिर मैंने देखा कि जो खड़ी फसल है. उनके दाम भी इतने ही आना है तो उनकी लागत ही नहीं निकल रही है. इसलिए मैंने इनको हाथ से नष्ट करना ही उचित समझा. 4900 MSP रेट है. एमएसपी रेट से लगभग 1500 रुपये कम में बेचने का कोई फायदा नहीं होगा. आगे भी मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि एमएसपी रेट से यदि सोयाबीन नीचे बिकेगा तो किसानों को काफी नुकसान होगा. इसको निर्यात करें या भाव बढ़ाएं तभी किसानों का फायदा हो पाएगा.
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