MP News: भिंड के अटेर इलाके में स्थित प्राचीन वोरेश्वर शिव मंदिर को लेकर गुर्जर समाज और क्षत्रिय समाज के बीच तनाव हो गया है. दोनों पक्ष इस प्राचीन मंदिर पर अपना दावा जता रहे हैं. पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर पर लिखवाया था कि मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश द्वारा करवाया गया है. करणी सेना द्वारा पुरातत्व विभाग के बोर्ड पर से गुर्जर शब्द को मिटा दिया, जिसके बाद गुर्जर समाज में आक्रोश है.
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करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष का दावा है कि बोर्ड पर मूल शब्द के स्थान पर गुर्जर समाज के ही एक व्यक्ति द्वारा गुर्जर लिख दिया गया है, जो कि पूरी तरह गलत है. वहीं गुर्जर समाज के नेता भूपेंद्र कराना का दावा है कि यह मंदिर गुर्जर साम्राज्य के समय ही बना था और बोर्ड पर पुरातत्व विभाग द्वारा ही गुर्जर शब्द लिखवाया गया था, जिसे करणी सेना द्वारा मिटाकर अपराध किया गया है इसलिए उन पर FIR दर्ज होनी चाहिए.
ऐसे शुरू हुआ मामला
यह पूरा मामला उस वक्त शुरू हुआ जब करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भदौरिया करणी सेना के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वोरेश्वर शिव मंदिर पर पहुंचे. संतोष भदौरिया और करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने वोरेश्वर मंदिर पर लगे हुए बोर्ड पर लिखे गुर्जर शब्द को अपने हाथों से खरोंचकर मिटा दिया. इस बोर्ड पर पुरातत्व विभाग की तरफ से लिखवाया गया था, कि शिव मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार शासकों ने करवाया है. करणी सेना द्वारा गुर्जर शब्द मिटाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद गुर्जर समाज के लोगों में आक्रोश पनप उठा. पुरातत्व विभाग ने मामले की सच्चाई बताई है.
कलेक्टर कार्यालय का घेराव
बोर्ड पर लिखे गुर्जर समाज के नाम के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने करणी सेना के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इसके बाद क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज के बीच तनाव बढ़ने लगा. इस तनाव को कम करने के लिए सोमवार को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के सामने दोनों पक्षों को बुलाकर सुलह करवाने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बन सकी. इसके बाद गुर्जर समाज ने मंगलवार के दिन भिंड में विशाल रैली निकालने के साथ कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का ऐलान कर दिया.
गुर्जर समाज ने उठाई ये मांग
गुर्जर समाज के नेता भूपेंद्र कराना ने एमपी तक को बताया कि पुरातत्व विभाग द्वारा शिव मंदिर में लगे हुए बोर्ड पर यह बात लिखवाई गई थी कि इस मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार द्वारा करवाया गया है, लेकिन करणी सेना द्वारा गुर्जर शब्द को खरोंच कर मिटा दिया गया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गुर्जर शब्द मिटाने वाले करणी सेना के नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए और मंदिर पर लगे हुए बोर्ड पर एक बार फिर से गुर्जर शब्द को वापस लिखा जाए.
करणी सेना ने लगाए आरोप
इस बारे में जब करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें किसी ने जानकारी दी थी कि बोर्ड पर जहां गुर्जर शब्द लिखा हुआ है, वहां पहले मूलतः शब्द लिखा हुआ था, जिसे किसी गुर्जर समाज के व्यक्ति द्वारा मिटा कर मूलतः शब्द के स्थान पर गुर्जर शब्द लिख दिया गया था इसी बात की हमें आपत्ति थी और हमने वहां जाकर उस नाम को बोर्ड से हटा दिया.
पुरातत्व विभाग ने बताई सच्चाई
इस मामले में भिंड के पुरातत्व अधिकारी वीरेंद्र पांडे का कहना है कि शुरुआत में जब मंदिर पर पुरातत्व विभाग की तरफ से बोर्ड लगाया गया था तो उस पर मूलतः प्रतिहार ही लिखा हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद बोर्ड पर पुरातत्व विभाग की तरफ से ही मूलतः शब्द को हटाकर गुर्जर शब्द लिखवा दिया गया था. क्योंकि शिव मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में किया गया था और उस वक्त यहां गुर्जर राजाओं का भी साम्राज्य था, इस वजह से उसे बोर्ड पर गुर्जर शब्द लिखवाया गया था. लेकिन अब करणी सेना द्वारा गुर्जर शब्द को मिटा दिया गया है, इस संबंध में हमने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है ग्वालियर और भोपाल से दिशा निर्देश मिलने के बाद बोर्ड पर फिर से उचित शब्द लिखवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मिलते हैं तो गुर्जर शब्द मिटाने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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