Bhind: मदरसों के नाम पर सामने आया सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच कर रहे अधिकारियों के भी उड़े होश

हेमंत शर्मा

01 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 1 2024 6:55 PM)

Bhind: मध्यप्रदेश के भिंड जिले में मदरसों के नाम पर होने वाला सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों के भी एडमिशन कागजों में दिखाकर सरकारी मदद की लूट की जा रही थी. जिन बच्चों को मरदसों में एडमिशन लेना दिखाया गया, उन्हें और उनके परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं लगी.

Bhind Madrasa fraud exposed

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Bhind: मध्यप्रदेश के भिंड जिले में मदरसों के नाम पर होने वाला सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों के भी एडमिशन कागजों में दिखाकर सरकारी मदद की लूट की जा रही थी. जिन बच्चों को मरदसों में एडमिशन लेना दिखाया गया, उन्हें और उनके परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं लगी.

इन मदरसों में ऐसे हिंदू बच्चों का दाखिला दिखाया जा रहा है, जो बच्चे पहले से ही किसी अन्य प्राइवेट स्कूल में अध्यनरत हैं. भिंड जिले में कुल 67 मदरसे संचालित है. भिंड जिले में संचालित 67 मदरसों में अधिकतर पढ़ने वाले बच्चे हिंदू ही है. खास बात यह है, कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को ही नहीं पता है, कि उनका बच्चा मदरसा में पढ़ने को जाता है. क्योंकि यहां पर बच्चों की समग्र आईडी का इस्तेमाल करके फर्जी दाखिले दिखाने का खेल खेला जा रहा है.

सुभाष नगर में रहने वाली ललिता देवी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, कि उनकी बेटी का नाम नैंसी प्रजापति है और उनकी बेटी शुरू से ही पास ही स्थित लक्ष्मीबाई स्कूल में पढ़ रही है. उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला कभी मदरसा में नहीं कराया है, जबकि सुभाष नगर में ही संचालित मकतब इस्लामियत मदरसे में उनकी बच्ची का दाखिला दिखाया गया है.

कक्षा पांच का परीक्षा फॉर्म भरने गई बच्ची, तब हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

इस बात की जानकारी ललिता देवी को उस वक्त लगी, जब नैंसी कक्षा पांचवी की परीक्षा का फॉर्म भर रही थी. उस वक्त नैंसी की समग्र आईडी मदरसे में दिखाई दे रही थी. ललिता देवी का कहना है कि उन्होंने मदरसा में जाकर इस बात की कंप्लेंट की थी, कि उन्होंने जबरन उनकी बेटी का दाखिला अपने मदरसे में क्यों दिखा दिया है, उनकी बेटी की समग्र आईडी को मदरसे से हटाया जाए. लेकिन 2 साल बीतने के बावजूद भी मदरसे से अभी तक उनकी बेटी की समग्र आईडी को नहीं हटाया गया है. नैंसी प्रजापति अब कक्षा 7 में आ चुकी है, लेकिन अभी भी उसका नाम सुभाष नगर में संचालित मदरसे में ही लिखा हुआ है.

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बच्चों की समग्र आईडी का हो रहा गलत इस्तेमाल

यह परेशानी अकेली नैंसी और उसके अभिभावकों की नहीं है, बल्कि भिंड जिले के अलग-अलग मदरसों में ऐसे कई हिंदू बच्चों के नाम लिखे हुए बताए जा रहे हैं, जो उन मदरसों में पढ़ने नहीं जाते हैं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी समग्र आईडी का इस्तेमाल करके मदरसों में उनका दाखिला दिखाने का काम मदरसा संचालकों द्वारा किया जा रहा है. हालांकि इस मामले में भिंड जिले के जिला शिक्षा अधिकारी रामदास मित्तल का कहना है, कि उनके संज्ञान में यह पूरा मामला नहीं है, लेकिन अगर ऐसी बात है तो वह पूरे मामले की जांच करवाएंगे. उन्होंने हाल ही में अपना पदभार ग्रहण किया है इसलिए वह ज्यादा कुछ नहीं बता सके, लेकिन उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करवा के कार्रवाई की बात जरूर कही है.

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