पप्पू, लफंगा, नीच… अब नहीं बोल पाएंगे ऐसे 838 शब्द, भोपाल में लगा बैन

रवीशपाल सिंह

07 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 7 2023 10:59 AM)

Bhopal Municipal Corporation: देश में पहली बार किसी नगर निगम ने अपने पार्षदों के लिए भाषा की मर्यादा रखने के लिए नियम बनाया है. भोपाल नगर निगम देश का पहला निगम बन गया है, जहां पप्पू, नीच और लफंगा जैसे करीब 838 शब्दों और मुहावरों पर बैन लगा दिया गया है. निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी […]

Bhopal Nagar Nigam B municipal council bans 838 indecent words Bhopal News

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Bhopal Municipal Corporation: देश में पहली बार किसी नगर निगम ने अपने पार्षदों के लिए भाषा की मर्यादा रखने के लिए नियम बनाया है. भोपाल नगर निगम देश का पहला निगम बन गया है, जहां पप्पू, नीच और लफंगा जैसे करीब 838 शब्दों और मुहावरों पर बैन लगा दिया गया है. निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बकायदा इसके लिए बुकलेट जारी की है, जिसके बाद अमर्यादित शब्द और भाषा का इस्तेमाल परिषद की बैठक के दौरान होने वाली चर्चा मे पार्षद नहीं कर सकेंगे.

भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया कि एमपी विधानसभा में प्रतिबंधित 1500 शब्दों की तर्ज पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अमर्यादित शब्दों को हटाने के लिए बुकलेट बनाई गई है. इसमें 838 शब्द और मुहावरे हैं. भोपाल नगर निगम अमर्यादित शब्दों को प्रतिबंधित कर दिया है और ऐसा करने वाला देश का पहला नगर निगम बन गया है. अगर कोई इन शब्दों का उपयोग सदन में चर्चा के दौरान करेगा तो उसे प्रोसेडिंग का हिस्सा नहीं माना जाएगा. फिर भी कोई पार्षद बार-बार यदि इन शब्दों का इस्तेमाल करेगा तो उसे सदन से बाहर कर दिया जायेगा.

जानें कैसे शब्दों पर लगाया बैन?

पप्पू, नीच, आरएसएस के गुंडे, बेशर्म, बीजेपी वाले माफिया, धोबी का कुत्ता, 420, लफंगा, एक थैली के चट्टे-बट्टे, चापलूस, खोदा पहाड़ निकली चुहिया, भैंस के आगे बीन बजाना, भैंस चली पगुराय, क्या बकवास कर रहे हो, बुद्धि मारी गई है, किसी सदस्य की पत्नी का अनावश्यक उल्लेख, भांग पीकर आए हो क्या, मेरा भाई, पागलखाना, झूठा, गरीब सदस्य बेचारे, ससुर, गंदी सूरत, उल्लू का पठ्ठा जैसे 838 शब्दों और मुहावरों पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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एक पार्षद का नाम है पप्पू

हैरानी की बात यह है कि भोपाल के वार्ड-34 से पार्षद पप्पू विलास राव घाडगे हैं लेकिन बुकलेट के हिसाब ने ‘पप्पू’ शब्द प्रतिबंधित है तो फिर परिषद की बैठक में अब इन्हे क्या कहकर बुलाया जाये. पप्पू घाडगे निर्दलीय चुनाव जीते हैं और बुकलेट में ‘पप्पू’ शब्द शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. उनका ये कहना है इस शब्द को प्रतिबंधित नहीं किया जाए.

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