MP News: भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी अनुशासन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. भाजपा ने सागर महापौर के पति सुशील तिवारी को प्रदेश कार्यसमिति से बाहर कर दिया है. आपको बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी खबर पोस्ट की थी, जिसके बाद से वीडी शर्मा को पद से हटाने की बातें उछल रही थीं. इसके बाद से ही वे पार्टी की रडार पर थे.
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प्रदेश भाजपा पिछले दो दिनों से कार्यकर्ताओं से हुई अनुशासनहीनता मामले में बैठक कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ये बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं. 26 सदस्यीय इस बैठक में सुशील तिवारी के अलावा जबलपुर के पूर्व विधायक हरेंद्र जीत सिंह बब्बू और गुना विधायक केपी यादव के बयान भी रखे गए हैं. इसके अलावा भी कई कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता पर पार्टी की नजर है.
सोशल मीडिया पर डाला था पोस्ट
सागर महापौर के पति सुशील तिवारी के ऊपर पार्टी अनुशासनहीनता के मामले में ये बड़ी कार्रवाई की गई है. सुशील तिवारी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. जिसके बाद से वीडी शर्मा को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने की बातें मीडिया में उछल गईं थीं. इस मामले के संज्ञान में आते ही पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजकर तीन दिन के अंदर जवाब तलब करने को कहा था और अब उन्हें कार्यसमिति के सदस्यों के दल से बाहर कर दिया गया है.
नए प्रदेश अध्यक्ष की अफवाह
सागर महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी की ओर से व्हाट्सएप ग्रुप्स में लिखा गया था कि भूपेंद्र सिंह बीजेपी के नए अध्यक्ष हो सकते हैं. इसके साथ ही एक पत्र भी शेयर किया गया था, जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के किसी महिला नेत्री के घर आने जाने का जिक्र किया गया था. जिसके बाद से भूपेंद्र सिंह को भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने की अफवाहें उड़ने लगीं थीं. इसके बाद सुशील तिवारी के ऊपर जारी हुए शॉकेज नोटिस में लिखा गया था कि सुशील तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ अनर्गल बातें लिखी हैं. उनके इस कारनामे के कारण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल हुई है.
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