Jabalpur News: मध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को अप्राकृतिक कृत्य मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो रखने वाले व्यक्ति की छवि धूमिल करने के लिए प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर FIR दर्ज करवाई गई थी. इस कार्रवाई में स्पष्ट रूप से दुर्भावना दिखाई देती है. एकलपीठ ने एफआईआर को खारिज करने के आदेश दिए हैं.
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जानकारी के मुताबिक पूर्व वित्तमंत्री राघवजी की तरफ से दायर की गई याचिका में 7 जुलाई 2013 को भोपाल के हबीबगंज थाने में उनके खिलाफ धारा 377, 506 तथा 34 के FIR दर्ज की गई थी. जिसकाे खारिज किए जाने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी. जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये तुरंत FIR खारिज करने के आदेश दिए हैं.
सुनियोजित तरीके से बनाया गया था वीडियो- कोर्ट
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये कहा कि शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया कि उसने एक अन्य पीड़ित की मदद से वित्तमंत्री का छुपकर वीडियो बनाया था. सहमति के साथ एकांत में अप्राकृतिक यौन कृत्य करने का वीडियो साजिश के तहत बनाया गया था. याचिकाकर्ता ने सरकारी निवास मई 2013 में छोड दिया था. इसके लगभग तीन माह बाद उसने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता साल 2010 से 2013 तक पूर्व वित्तमंत्री राघवजी के सरकारी निवास में रहता था. इस दौरान उसने किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की थी. राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे तथा आपसी रंजिश के कारण शिकायतकर्ता ने एफआईआर दर्ज करवाई है.
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इस स्कैंडल में राघवजी का राजनीतिक कैरियर तबाह हो गया
जिस समय यह पूरा मामला सामने आया था, मध्यप्रदेश की राजनीति में पूर्व वित्तमंत्री राघवजी का कद काफी बड़ा था, पार्टी और संगठन दोनों ही स्तर पर राघवजी बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. वित्तमंत्री के रूप में उनको मध्यप्रदेश के बेहतर वित्तमंत्रीयों में गिना जाता था, लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद राघवजी का पूरा राजनीतिक कैरियर तबाह हो गया. पार्टी और संगठन दोनों ही जगहों से बेदखल कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और फिर वे मध्यप्रदेश की राजनीति में बीजेपी के बागी नेताओं के रूप में जाने जाते रहे हैं. फिलहाल इस फैसले के सामने आने के बाद से पूर्व वित्तमंत्री राघवजी को बड़ी राहत मिल गई है.
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