Guna Police: गुना जिले में पुलिस की बर्बरता का नजारा देखने को मिला है. पनवाड़ी हाट पुलिस चौकी में पदस्थ ASI भंवर सिंह राजपूत ने एक दलित युवक को बैल्ट और पट्टों से बुरी तरह पीट दिया. इतना ही नहीं बल्कि युवक को झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए चुप रहने की सलाह दी. जब इस मामले की भनक पुलिस अधीक्षक को लगी तो उन्होंने पुलिस दरोगा को लाइन अटैच कर दिया है.
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पीड़ित विजय अहिरवार ने बताया कि 16 फरवरी को वो अपनी पत्नी सरोज और दो बेटियों के साथ पुलिस चौकी के पास से गुजर रहा था. तभी दरोगा भंवर सिंह राजपूत तीन अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उसके पास आ गया और बदसलूकी करने लगा. जब पत्नी ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उसे भी धक्का दे दिया गया.
विजय अहिरवार ने बताया कि दरोगा भंवर सिंह उसे जबरन गाड़ी में बैठाकर साथ ले गया. पुलिस चौकी में ले जाकर उसके साथ बैल्ट और पट्टों से मारपीट की गई, गालियां दी गईं. काफी देर तक जानवरों की तरह पीटा गया और चौकी में ही रोका गया. मारपीट का कारण पूछा गया तो दरोगा ने कोई जवाब नहीं दिया.
पनवाड़ी हाट पुलिस चौकी में पदस्थ दरोगा भंवर सिंह राजपूत के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं. पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि विजय अहिरवार के साथ घटित इस घटना की जांच कराई जा रही है. एसडीओपी राघोगढ़ दीपा डोडवे को जांच सौंपी गई है. तब तक के लिए आरोपी दरोगा को लाइन अटैच कर दिया गया है.
दलित युवक की पिटाई के बाद शुरू हो गई है राजनीति
पुलिस की बर्बरता को लेकर बहुजन समाज पार्टी भी सक्रिय हो गई है. बहुजन समाज पार्टी के नेताओं का कहना है कि यदि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा. चूंकि पीड़ित युवक दलित है और जिस तरह से उसके साथ मारपीट की गई है, उसके बाद से दलित संगठन और बसपा जैसी राजनीतिक दल भड़की हुई है. इसी वजह से एसपी गुना ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
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