Indore News: अक्सर सुनने में आता है कि पति अपनी पत्नी को गुजारे और भरण पोषण के लिए हर महीने उसे भत्ता देगा. लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो चौंकाने वाला है. यहां की फैमिली कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला देते हुए पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश सुनाया है. मध्य प्रदेश में ऐसा पहला मामला है, जिसमें कोर्ट ने पत्नी को पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.
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पीड़ित पति के वकील मनीष झरौला ने बताया कि पति ने पत्नी की वजह से पढ़ाई छूटने और बेरोजगार होने का हवाला देकर कोर्ट चला गया था. जहां दोनों ही पक्षों के बयान लेने के बाद जिला फैमिली कोर्ट ने पति के हक में फैसला सुनाते हुए पेशे से ब्यूटी पार्लर संचालिका पत्नी को बेरोजगार पति को ₹5000 प्रति माह देने का फैसला सुनाया है. पति की पैरवी करने वाले अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया की पत्नी ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर रखी है. तब पति ने पुलिस को बताया कि पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है, जबकि पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह कामकाज नहीं करती है और उसका पति कमाता है.
प्रदेश का पहला मामला
लेकिन पत्नी जब कोर्ट में अपने बेरोजगार होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाई तो ब्यूटी पार्लर संचालिका पत्नी को कुटुंब न्यायालय ने ₹5000 बेरोजगार पति को हर माह देने का फैसला सुनाया. अधिवक्ता मनीष झरौला ने बताया कि पत्नी को पति को भरण पोषण भत्ता देने का संभवत मध्य प्रदेश में यह पहला मामला कह सकते हैं. इसके पूर्व अन्य शारीरिक मानसिक मामलों में जरूर पत्नी को पति को भरण पोषण दिया होगा.
ऐसे बढ़ा कपल के बीच विवाद
पीड़ित पति के वकील ने बताया कि उज्जैन के रहने वाले युवक की 2020 में एक युवती से मित्रता हो गई, जहां कुछ महीने बाद दोस्ती प्यार में बदल गई और युवती ने युवक को प्रपोज कर शादी के लिए कह दिया. लेकिन युवक ने शादी करने से इनकार कर दिया था. उसका कहना था कि अभी वह केवल 12वीं कक्षा में है. पहले वह अपना एजुकेशन पूरा करने के बाद शादी करेगा, लेकिन युवती ने अमन को आत्महत्या करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया और जुलाई 2021 में आर्य समाज मंदिर में रीति रिवाज से शादी रचा ली थी.
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शादी के एक महीने बाद ही होने लगे विवाद
दोनों इंदौर के किराए के घर में रहने लगे. पीड़ित पति ने बताया कि शादी के 1 महीने बाद से ही पत्नी उसे लगातार परेशान करने लगी, जिसमें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शामिल थी. पति ने कई बार पत्नी को समझाने का प्रयास किया, लेकिन पत्नी का व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया. जिससे परेशान होकर अमन शादी के महत्व 2 महीने बाद ही पत्नी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास वापस उज्जैन लौट गया. जहां नाराज पत्नी ने थाने पर पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर दी. पति के खिलाफ कुटुंब न्यायालय में दहेज प्रताड़ना व शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का केस दायर करते हुए भरण पोषण की याचिका दायर कर दी.
पीड़ित पति के पक्ष में आया फैसला
पीड़ित पति ने भी अपने वकील के माध्यम से पहले पुलिस थाने में पत्नी की शिकायत की, और उसके बाद फैमिली कोर्ट में अपनी ही पत्नी के खिलाफ भरण पोषण का केस लगा दिया. जहां आज दोनों ही पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद कुटुंब न्यायालय ने फैसला पति के हक में देते हुए पत्नी को पति को ₹5000 प्रतिमाह भरण पोषण देने का फैसला सुनाया, पति के अनुसार पति ने खुद को बेरोजगार बताते हुए भत्ता देने में असमर्थता जताई थी. जिस पर अमन की ओर अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया कि पत्नी ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर रखी है.
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