MP News: मध्यप्रदेश के श्योपुर में बीती रात को विधानसभा चुनाव ड्यूटी करके लौटे एक डॉक्टर की उनके सरकारी अस्पताल पर पहुंचने के कुछ ही देर बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. डॉक्टर का शव उनके आवास पर बैड पर मिला है. सूचना मिलने के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. डॉक्टर की मौत कैसे और किन कारणों से हुई है. यह तो पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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मामला श्योपुर जिले के विजयपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां आयुष विभाग में पदस्थ डॉ धर्मेंद्र खरे की ड्यूटी विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को अगरा सेक्टर में लगाई गई थी, दिनभर उन्होंने ड्यूटी की और जैसे ही शाम होने के बाद वह घर लौटे वैसे ही कुछ घंटे बाद उनकी मौत हो गई. उनके सरकारी आवास के गेट खुले हुए थे, आवास के अंदर बेड पर उनकी डेड बॉडी मिली है. डॉक्टर की मौत किसी बीमारी की वजह से हुई है या कोई अन्य वजह है यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है. डॉक्टर के शव का पीएम कराया गया है, रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता लग पाएगा कि, उनकी मौत किस वजह से हुई है.
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सफाई कर्मी ने देखा डॉक्टर की हालत संदिग्ध
विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ राघवेंद्र कर्ण का कहना है कि डॉक्टर इलेक्शन ड्यूटी करने के बाद अपने आवास पर शाम को लौटे थे, सफाई कर्मी वहां सफाई करने पहुंचा तो उसे मामला संदिग्ध लगा, इसके बाद जब उसने डॉक्टर को सूचना दी, जब डॉक्टर वहां पहुंचे चेक किया तो वह मृत पाए गए. हम पोस्टमार्टम करेंगे इसके बाद पता लग पाएगा कि उनकी मौत किन कारणों के चलती हुई है.
बता दें कि डॉक्टर मौत के बाद यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि यदि डॉक्टर बीमार थे तो उनकी ड्यूटी चुनाव में क्यों लगाई गई और अगर बीमारी के चलते उनकी मौत नहीं हुई है तो असल वजह क्या है.
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शहडोल: चुनाव ड्यूटी में लगे पीठासीन अधिकारी की मौत
शहडोल जिले में विधानसभा निर्वाचन के दौरान ड्यूटी पर लगे पीठासीन अधिकारी की मौत हो गई. अचानक तबियत बिगड़ जाने से उपचार के लिए शहड़ोल से ब्यौहारी गए पीठासीन अधिकारी की ब्यौहारी सिविल अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. ब्यौहारी के बराछ हायर सेकंडरी स्कूल के प्रभारी प्राचार्य रावेंद्र प्रसाद गर्ग की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में जयसिंहनगर विधानसभा में लगाई गई थी. निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें रिजर्व कोटे के लिए शहडोल मुख्यालय में ही पदस्थ किया था, 17 नवंबर की शाम को कार्य के दौरान ही अचानक उनकी तबियत बिगड़ने लगी.
अपनी तबियत बिगड़ते देख पीठासीन अधिकारी रावेंद्र प्रसाद गर्ग खुद ही ब्यौहारी सिविल अस्पताल के चले गए. गर्ग जैसे ही ब्यौहारी के सिविल अस्पताल पहुंचे डॉक्टर ने उन्हें एडमिट कर लिया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.
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