MP News: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में पिछले दिनों बाघ ने एक युवक का शिकार कर दिया था. जिसके बाद से ही वन विभाग की टीम उस आदमखोर बाघ की तलाश में जुटी हुई है. लेकिन, अभी तक टीम को सफलता हाथ नहीं लगी है. यही कारण है कि अब वन विभाग यानि फारेस्ट टीम की तरफ से राजसेन जिले के 36 गांवों में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
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वन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि रायसेन जिले के नीमखेड़ा गांव निवासी मनीराम जाटव (62) का आधा खाया हुआ शव बुधवार को भोपाल जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर रायसेन वन प्रभाग के पूर्वी क्षेत्र में मिला था. इस हमले से गांवों में दहशत फैल गई है, क्योंकि भोपाल के आसपास के जंगली इलाकों में ऐसे शिकार अनसुने हैं. इसके अलावा भोपाल शहर में भी कई बार बाघ की एक्टीविटी दर्ज की गई है. यही कारण कि टीम सघन तलाशी करके बाघ की तलाश में जुटी हुई है.
क्या बोले DFO, क्यों जारी किया रेड अलर्ट
रायसेन संभागीय वन अधिकारी (DFO) विजय कुमार ने बताया, हम बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. शुक्रवार को 150 वर्ग किमी में फैले 36 गांवों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था. लोगों से तब तक जंगलों में न जाने के लिए कहा गया है जब तक कि जानवर पकड़ न लिया जाए और वन विभाग उन्हें सूचित न कर दे. उन्होंने कहा कि बाघ को इधर-उधर घूमते और बार-बार अपना स्थान बदलते देखा गया है. अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 100 अधिक कर्मचारियों का दल बाघ की तलाश में जुटा हुआ है.
डीएफओ ने कहा कि पैदल और वाहनों में टीमें और कंट्रोल रूम में लोग बाघ की अगली चाल का पता लगाने के लिए फुटेज देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि 36 गांवों के जंगलों में बाघ दिखना कोई नई बात नहीं है और 2017 से इस क्षेत्र में ऐसी गतिविधियां देखी गई हैं.
शिकार के बाद गांव के लोग नहीं निकल रहे बाहर
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित क्षेत्र में दो बाघ का मूवमेंट है. गांव के लोगों को जंगल में ना जाने के लिए मुनादी कराई गई है. चूंकि इलाके में ट्रैप कैमरे नहीं हैं, इसलिए पता नहीं लग सका कि किस बाघ ने हमला किया है. वन विभाग की तरफ से मृतक के परिवार को आठ लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है. वन विभाग जंगल में बाघ की सर्चिंग कर रहा है.
नीमखेड़ा गांव की सरपंच पूजा जाटव के पति पुरषोत्तम जाटव ने बताया कि इलाके के लोग रात में बाहर नहीं निकल रहे हैं. लगभग तीन महीने पहले भी एक बाघ ने हमारे गांव में कुछ मवेशियों को मार डाला था. हमने वन अधिकारियों को सूचित किया और उन्होंने तुरंत मुआवजा दिया.
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