Kuno National Park News: मध्यप्रदेश के श्योपुर में स्थित देश की इकलौती चीता सफारी कूनो नेशनल पार्क से बड़ी बुरी सामने आई है, नामीबिया से लाये गये चीता शौर्य की मौत हो गई है. माॅनिटरिंग टीम को चीता घायल अवस्था में मिला था, जिसका उपचार किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मुख्य वन संरक्षक लायन प्रोजेक्ट ने चीता के मरने की पुष्टि की है और इस संबंध में प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी है.
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अब तक कूनो में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से आये कुल 20 चीतो में से 7 की मौत अलग-अलग कारणों से हो गई है. यही नहीं, मादा चीता ज्वाला के तीन शावकों की भी मौत हो चुकी है. अब कूनो में केवल 13 वयस्क चीते समेत 4 शावक मौजूद हैं. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कूनो में चीते की मौत पर चिंता जताई है. उन्होंने एक्स पर लिखा है कि सरकार चीतों को बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं कर रही है.
विदेश से लाए गए चीतों की मौत ने बढ़ाई चिंता
कूनो नेशनल पार्क में शुरू हुआ प्रोजेक्ट चीता खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ आगे तो बढ़ रहा है लेकिन विदेशी सरजमीं से आये चीतों की अंतराल के बाद हो रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है. मंगलवार को नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क में बसाये गये नर चीते शौर्य को बड़े बाड़े में रखा गया था. यहां शौर्य को चीता माॅनिटरिंग टीम ने सुबह 11 बजे करीब अचेत अवस्था में पाया, उसे तत्काल ट्रेंकुलाइज कर ऑब्जर्वेशन में लिया गया.
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सामने आएगी मौत की वजह
चीते को बचाने के लिए सीपीआर दी गई, जिसके बाद उसे कुछ क्षणों के लिए होश भी आया लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका. इलाज के दौरान करीब दोपहर बाद 3.17 बजे उसने दम तोड़ दिया. कूनो प्रबंधन ने इसकी सूचना भोपाल और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों को दी है. स्थानीय स्तर पर कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ से लेकर सीसीएफ मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं. पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने MP Tak को फोन कॉल पर जानकारी देते हुए सिर्फ इतना भर बताया कि हां एक शौर्य नामक चीता की मौत हुई है, मौत की असली वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगी.
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चीता प्रोजेक्ट में अब तक कितने चीतों की मौत
17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाये गये 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बाडे में छोड़कर चीता प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी, इसके बाद 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से 12 चीतों की नई खेप कूनो नेशनल पार्क में पहुंची. 26 मार्च 2023 को मादा चीता साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गई, फिर 23 अप्रैल 2023 को नर चीता उदय की दिल के दौरे से मौत हो गई. 9 मई 2023 को मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हो गई.
23 मई 2023 को ज्वाला के एक शावक की मौत, 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई. इसके बाद 11 जुलाई 2023 को दो नर चीता तेजस और सूरज आपसी संघर्ष में घायल हो गये, जिनमें से तेजस की उसी दिन मौत हो गई. वहीं 14 जुलाई 2023 नर चीता सूरज ने भी दम तोड़ दिया. इसके अलावा 2 अगस्त 2023 को मादा चीता धात्री की मौत सहित 16 जनवरी 2024 को चीता शौर्य की भी मौत के बाद अब कूनो पार्क में कुल 13 वयस्क एवं 4 शावक बचे हैं.
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