मध्यप्रदेश के इस गांव में सबसे अधिक हैं कुंवारे लड़के, जाने, क्यों नही हो पा रही इनकी शादी

विजय मीणा

09 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 9 2023 7:30 AM)

Ratlam News:  शादी न होने के पीछे कई बार अलग-अलग तरह की वहजें सामने आती हैं. कोई उम्र को लेकर तो कोई कद काठी तो सरकारी नौकरी को लेकर शादी न होने से परेशान रहता है, लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम में शादी न होने के पीछे का अनोखा कारण सामने आया है. रतलाम के बछोड़िया […]

This village of Madhya Pradesh has the maximum number of unmarried boys, don't know why they are not getting married

This village of Madhya Pradesh has the maximum number of unmarried boys, don't know why they are not getting married

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Ratlam News:  शादी न होने के पीछे कई बार अलग-अलग तरह की वहजें सामने आती हैं. कोई उम्र को लेकर तो कोई कद काठी तो सरकारी नौकरी को लेकर शादी न होने से परेशान रहता है, लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम में शादी न होने के पीछे का अनोखा कारण सामने आया है. रतलाम के बछोड़िया गांव में एक सड़क न बनने के कारण गांव के अधिकांश युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है.

राजस्थान सीमा से लगा रतलाम जिले का गांव बछोड़िया की आबादी दो हजार से अधिक ओर मतदाता 1200 से अधिक हैं. यह गांव पिछले एक पखवाड़े से एक सड़क को लेकर काफी चर्चा में है. यह सड़क गाव से डेड किलोमीटर दूर हनुमान फंटे तक की है. यही सड़क न बनने से गांव के युवाओं में नाराजगी है. इनकी नाराजगी की मुख्य वजह सड़क नही होने से इनकी शादियां नही हो पा रही है. युवको के साथ साथ इनके परिजन भी परेशान है.

बच्चों की शादी न होने से परिजन परेशान
परिजन अपने बच्चों की शादी के लिए काफ़ी प्रयास कर रहे हैं. परिजन अपने लड़को के लिए लडकिया देखने भी जाते है, लेकिन जब लड़की वाले लड़के और उसके घर बार देखने आते है, तो वापस जाकर कोई जवाब नही देते है. एक दो बार ऐसा नही हुआ बल्कि सेकड़ो बार हुआ.  गांव के लोगो ने लड़की वालों से कई बार जवाब नही देने की वजह भी पूछी, लेकिन लड़की वाले पहले तो कुछ बोलते नहीं लेकिन बाद में यह कहते है, कि गांव में आने जाने के लिए सड़क नही होना बताया है.

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युवा जा रहे गांव छोड़कर
लड़की वालों के इस कारण से अब गांव के युवाओं और उनके परिजनों ने गंभीरता से लिया है. इस गांव में सैकड़ों लड़के ऐसे हैं. जिनकी सगाई इसी सड़क की वजह से टूट गई. ये आज भी कुंवारे हैं. गांव के कई लड़के तो गांव छोड़कर इसलिए ही चले गए ताकि उनकी शादी हो सके.

चुनावी साल में सड़क गांव आने की उम्मीद
अब चुनावी साल को देखते हुए गाव वालो ने इस सड़क को बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. गांव में बैनर लगा दिए सड़क नही तो वोट नहीं, जनप्रतिनिधयों और सरकार से गुहार लगा लगाकर थक चुके गांव वालो ने सड़क निर्माण किये जाने को लेकर सरकार और जनप्रतिनिधियो को सद्बुद्धि देने के लिये 15 किलोमीटर की सद्बुद्धि यात्रा भी निकाली है. ग्रामवासियो की मांग को लेकर अब प्रसाशन सक्रिय हुआ. डेड किलोमीटर की सड़क की लागत 1 करोड़ से अधिक होने से स्वीकृति के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.

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