कूनों नेशनल पार्क: नामीबिया से आए 2 और चीते जंगल में छोड़े, जानें, क्या रखें इनके नाम

Sheopur news: कूनो नेशनल पार्क अपने समृद्ध वन्यजीव संरक्षण के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विख्यात हो चुका है, क्योंकि यहां विलुप्त हो चुकी प्रजाति चीता को पुनः बसाये जाने के बाद इस जंगल की कमी को पूरा किया जा चुका है. पिछले साल सितंबर माह में नामीबिया से लाकर बसाए गए […]

Two more cheetahs from Namibia were released in Koono National Park, know their names

Two more cheetahs from Namibia were released in Koono National Park, know their names

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Sheopur news: कूनो नेशनल पार्क अपने समृद्ध वन्यजीव संरक्षण के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विख्यात हो चुका है, क्योंकि यहां विलुप्त हो चुकी प्रजाति चीता को पुनः बसाये जाने के बाद इस जंगल की कमी को पूरा किया जा चुका है. पिछले साल सितंबर माह में नामीबिया से लाकर बसाए गए 8 चीतों के क्वारंटीन एवं माॅनिटरिंग पीरियड पूरे होने के बाद बाडे मे से खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. 11 मार्च को एक नर ओबान और एक मादा आशा चीता को खुले जंगल में छोडने के बाद दो चीता सगे भाई एल्टन और फ्रेडी को भी बुधवार को कूनो प्रबंधन ने खुले जंगल में रिलीज कर दिया है. वन विभाग अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

दोनो चीतों को खुले जंगल में छोडने के लिए कूनो प्रबंधन ने विशेष इंतजाम करते हुए एक्सपर्ट की मौजूदगी में शाम 6.30 बजे खुले जंगल की तरफ मूव कर दिया, जो जंगल के करीब 5 किमी दूरी तक दौड लगाते हुए नजर आये. इससे पहले खुले जंगल में छोड़े गए ओबान और आशा के कूनो के विभिन्न इलाकों में घूमने के रोमांचित कर देने वाले फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं, तो वहीं एल्टन फ्रेडी के क्रेजी मूवमेंट को देखने के लिए लोगों में काफी जिज्ञासाएं भर चुकी हैं.

एल्टन और फ्रेडी को खुले जंगल में रिलीज
डीएफओ कूनो प्रकाश कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की गाइड लाइन एवं टास्क फोर्स के दिशा निर्देशन में चीता प्रोजेक्ट को लेकर निर्णय लिये जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत बुधवार को एल्टन और फ्रेडी को खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया है, जो सफलता पूर्वक कूनो के खुले जंगलों में चले गये हैं. जिनकी कूनो बीट गार्ड्स एवं अन्य वनकर्मीयों की मदद से नजर रखी जा रही है.

प्रोजेक्ट चीता’ योजना के तहत लाए गए चीते
उन्होंने बताया कि दोनों स्वस्थ हैं और बेहतर कर रहे हैं. इससे पहले 11 मार्च को दो चीतों ओबन और आशा को कूनो नेशनल पार्क में लाए जाने के लगभग छह महीने बाद जंगल में छोड़ दिया गया. भारत में चीतों को फिर से बसाने की योजना ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत नामीबिया से आठ चीतों- पांच मादा और तीन नर को यहां कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था. भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे.

फोटो: कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन

पीएम मोदी ने किया था चीतों को रिलीज
यहां बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था. इन चीतों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने हाथों से पिजरा खोल कर पार्क के विशेष बाड़ो में छोड़ा था. यहां पहले इनको क्वारंटीन बाड़ों में रखा गया और बाद में 100 हेक्टेयर में बने बड़े बाड़े में छोड़ा गया. जहां इन चीतों ने विशेष देखरेख में शिकार आदि सीखा. अब इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. अब तक कुल 8 नामीबियाई चीतों में से चार चीते कूनो पार्क के खुले जंगल में पहुंचकर दौड़ लगा रहे हैं. बाकि 4 नामीबियाई चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से आगामी दिनों में बड़े बाड़े से खुले जंगल मे रिलीज कर दिया जाएगा. दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को लाए गए 12 नए (7 नर और 5 मादा) चीते भी बाड़ो में क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं. इन नए मेहमानों को भी अब छोटे बाडो से बड़े बाडो में रिलीज करने पर विचार विमर्श किया जा रहा है.

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