Guna News: खोए हुए सम्मान को पाने के लिए एक पेशेवर वकील ने 4 साल तक कोर्ट में लड़ाई लड़ी. जिसके बाद रेप के केस में दोषी ठहराए गए आरोपी वकील अरविंद श्रीवास्तव को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया. झूठे आरोपों की वजह से 4 साल तक जिल्लत और अपमान भरा जीवन जीने वाले अरविंद ने बरी होने के बाद, अब इसके गुनहगारों को सजा दिलाने की ठान ली है.
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पिता को न्याय दिलाने के लिए छोटे से छोटे सबूत बेटे द्वारा इकट्ठा किये गए. जिन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया. सच्चाई के बलबूते पर लगभग 4 साल बाद अरविंद को दोषमुक्त सिद्ध कर दिया गया और बाइज्जत बरी किया गया. आरोपों से दोषमुक्त होने के बाद अब अरविंद श्रीवास्तव ने महिला और पुलिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है.
झूठे आरोपों में गए जेल
वर्ष 2019 में कांग्रेस की महिला नेत्री ने आरोन निवासी अरविंद श्रीवास्तव पर रेप के गंभीर आरोप लगाए थे. आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने अरविंद श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था. 35 दिनों तक अरविंद श्रीवास्तव को जमानत नहीं मिली, जिसके चलते वे जेल में ही रहे. इस बीच उनके वकील बेटे ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर अपने पिता को न्याय दिलाने की लड़ाई शुरू की. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आख़िरकाफ कोर्ट ने महिला के आरोपों को गलत पाया और अरविंद श्रीवास्तव को दोषमुक्त कर दिया.
सही मानसिक प्रताड़ना
अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान उन्हें मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा. दुष्कर्म का झूठा आरोप लगने के बाद उनके परिवार को बहुत कुछ सहन करना पड़ा है. महिला के आरोपों की बिना जांच किये ही पुलिस ने कार्रवाई कर दी. यदि पुलिस जांच करती तो पहले ही न्याय मिल जाता. अरविंद श्रीवास्तव खुद भी पेशे से वकील हैं. अरविंद श्रीवास्तव ने भावुक होकर कहा कि जितना सम्मान एक दुष्कर्म पीड़ित महिला का होता है उतना ही सम्मान एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का भी होता है.
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