Mahashivratri 2024: महाकाल की नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि की धूम छायी हुई है. महाशिवरात्रि का पर्व सुबह विश्व प्रसिद्ध बाबा श्री महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) भगवान के दरबार से भस्मारती से शुरू हुआ. महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में बड़ी संख्या में भक्त बाबा की भस्मारती में शामिल हुए. महाशिवरात्रि के पर्व पर बाबा महाकालेश्वर लगातार 44 घंटे अपने भक्तों को दर्शन देंगे. महाशिवरात्रि के पर्व पर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दूल्हा स्वरूप में दर्शन देंगे.
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पट खुलते ही उमड़ पड़े श्रद्धालु
बाबा महाकाल की एक झलक पाने के शिवरात्रि पर्व के एक दिन पहले ही बढ़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दरबार पहुंच चुके हैं. अल सुबह जैसे ही महाकाल के पट खुले तो दर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया.सबसे पहले सुबह बाबा के दरबार के पट खुले, तत्पश्चात बाबा को हरिओम जल अर्पित कर, दूध-दही और सुगन्धित द्रव्यों से पंचामृत अभिषेक पुजारियों द्वारा किया गया. इसके बाद बाबा का मनमोहक श्रृंगार कर महानिर्वाणी अखाड़े के महंत द्वारा भस्मी चढ़ाई गयी. इस दौरान भस्मारती में मौजूद हर श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर भाव विभोर हो गया.
दूल्हा बनेंगे महाकाल
महाशिवरात्रि से पहले महाकाल मंदिर में महाशिवनवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दौरान बाबा अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देते हैं और उनके विवाह की रस्में निभाई जाती हैं. आपको बता दें कि आज भगवान भोलेनाथ का विवाह है. महाशिवरात्रि के पर्व पर भस्मारती के बाद बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में आते हैं, यानी महाकाल से भोलेनाथ बनते हैं. आज बाबा महाकाल का विवाह माता पार्वती के साथ होगा.
44 घंटे दर्शन देंगे महाकाल
महाशिवरात्रि के मौके पर महाकाल मंदिर में 44 घंटे दर्शन का सिलसिला जारी रहेगा. महाशिवरात्रि पर सुबह 2.30 बजे ही महाकाल मंदिर के कपाट खुल गए. सुबह 7.30 बजे से 8.15 तक दद्योदक आरती और इसके बाद भोग आरती का समय है. दोपहर 12-1 बजे तक अभिषेक पूजन कर सकेंगे. इसके बाद शाम में 6 बजे बाबा महाकाल की आरती की जाएगी.
प्रशासन ने इस बार 10 से 15 लाख दर्शनार्थियों के आने की संभावना जताते हुए उनकी व्यवस्था की है. गौरतलब है कि महाकाल लोक बनने के बाद बाबा के भक्तों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. दिन प्रतिदिन बाबा के भक्त देश विदेश से उनकी एक झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं.
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