Pandit Pradeep Mishra Video Controversy: कथावाचक प्रदीप मिश्रा का विवादों से नाता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक विवाद अभी ठीक तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक और बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. बैतूल जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने ताप्ती नदी को श्रापित बताया है. इस वीडियो के आने के बाद ताप्ती भक्तों में नाराजगी देखने को मिल रही है और उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा से माफी मांगने की बात कही है. साथ ही उन्होंने ज्ञापन देकर शिकायत की है.
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वीडियो में प्रदीप मिश्रा ने कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "यमुना जी ने ताप्ती जी को शाप दिया था, इसलिए ताप्ती नदी में अस्थियां गल जाती हैं." ताप्ती को शापित नदी बताने को लेकर भक्तों ने अब प्रदीप मिश्रा से पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती के दरबार में आकर माफी मांगने की मांग की है."
प्रदीप मिश्रा को भक्तों ने यह भी चेतावनी दी है कि 13 जुलाई 2024 को पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती जन्मोत्सव के पहले ताप्ती जन्मस्थली मुलतापी में आकर माफी नहीं मांगते हैं, तो ठीक है नही तो उनका ताप्तीचंल में विरोध एवं उनके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.
ताप्ती नदी की ये है खासियत...
मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार का कहना है, "पंडित प्रदीप मिश्रा को सिद्ध करें क्या ताप्ती श्रापित नदी है और इस बात का क्या आधार उनके पास प्रमाण है? क्योंकि ताप्ती नदी में यमुना के श्राप के चलते अस्थियां नहीं गलती बल्कि ताप्ती के वेग और तेज के कारण उसे प्राप्त शक्तियो के कारण मृत व्यक्तियो की अस्थियां को मोक्ष प्राप्त होता है. उनको पता ही नहीं है कि ताप्ती नदी का प्रभाव और धार्मिक महत्व क्या है. दुनिया की एक मात्र नदी है जो अपने आंचल में विसर्जित अस्थियों को मात्र तीन दिन में मोक्ष प्राप्त होता है."
प्रदीप मिश्रा को आंदोलन की चेतावनी
इस मामले में मुलताई स्थित महताब्दी मंदिर के मुख्य पुजारी सौरभ जोशी ने पंडित प्रदीप मिश्रा पर ताप्ती जी के अपमान का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वह मुलताई आकर मां ताप्ती से माफी मांगे. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं. तो उनके खिलाफ जन आंदोलन किया जाएगा. हालांकि ये वीडियो हाल के दिनों का नहीं है. ये वीडियो पुराना बताया जा रहा है. फिलहाल प्रदीप मिश्रा की तरफ से इस मामले को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है.
क्या है राधा रानी और बरसाना विवाद?
बरसाना में राधा रानी वाले बयान पर विवाद के 20 दिन बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर नाक रगड़कर कर माफी मांग ली. 29 जून शनिवार को पंडित मिश्रा का बरसाना पहुंचने का पहले से कोई कार्यक्रम तय नहीं था. वे 28 जून की रात को अचानक दिल्ली रवाना हुए। 29 जून सुबह दिल्ली पहुंचे. यहां उनकी ब्रज धाम के कुछ संतों से चर्चा हुई. इसके बाद वे सीधे 11 बजे बरसाना में राधा रानी के मंदिर में पहुंचे.
दरअसल, गोवर्धन के संतों ने मिश्रा से कहा था कि ब्रज में उनके खिलाफ बेहद गुस्सा है. माफी मांगना ही इसका समाधान है. इसके बाद पंडित मिश्रा ने तय किया कि वे बरसाना जाएंगे.
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इस बयान के बाद छिड़ा था विवाद!
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. राधा जी का विवाह छाता में हुआ था. राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं. बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं.
प्रेमानंद जी महाराज ने 10 जून को प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया. कहा- लाड़ली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती.
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