Indore News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के न्याय नगर के लोग अपने घरों को टूटने से बचाने के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि जब हमने यहां पर घर बनाया तो किसी ने नहीं रोका और अब खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है. आखिर हम और हमारे बच्चे कहां जाएंगे. दरअसल, इंदौर के MR 9 और MR 10 पर न्यायनगर में करीब 200 घरों को खाली करने का प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया है.
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जिला प्रशासन ने सभी मकानों पर मार्किंग करवाई है. अब सालों से रहने वाले लोगों को अपने मकान खाली करने होंगे. माना जा रहा है कि इससे करीब 2000 लोग प्रभावित होंगे.
इंदौर में एमआर 9 और एमआर 10 के बीच आने वाली न्याय नगर के रहवासियों को प्रशासन की तरफ से मकान खाली करने का आदेश मिल चुका है, जहां प्रशासन के अधिकारी इस मामले में नोटिस देकर मकान खाली करवाने की बात कह रहे हैं. वहीं रहवासियों का कहना है कि प्रशासन ने जो मार्किंग की है. वह गलत तरीके से की गई है. साथ ही कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, बावजूद उसके होने लगातार मकान खाली करने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं.
क्रॉस मतलब मकान से बेदखली
न्याय नगर को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि कई मकानों को लेकर बेदखली के आदेश हो चुके हैं. लेकिन जिन मकानों पर स्टे है, उन्हें छोड़कर अन्य सभी मकानों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्रशासन की तरफ से न्यायनगर के हर एक घर पर 'क्रॉस' और 'एस' लिखकर मार्किंग की गई है. जिसमें क्रॉस का मतलब तोड़ने वाले मकान हैं और एस का मतलब स्टे वाले मकान हैं.
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एस यानि स्टे वाले मकान
एस यानि स्टे वाले मकान, जिन पर कोर्ट के निर्णय के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्रशासन के द्वारा की जाने वाली इस कार्रवाई को लेकर रहवासियों का कहना है कि वह सालों से अपने मकानों में रह रहे हैं. लेकिन अब अचानक उन्हें उनके मकान खाली करने के नोटिस दिए जा रहे हैं. ऐसे में उनके पास अब कोई भी विकल्प नहीं बचा है. जहां उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई लगाकर अपने घर बनाए हैं और अब प्रशासन उन्हें अपने ही घर से बेदखल कर रहा है.
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