Jabalpur Best Tourist Place: "MP का यह नूर देखो, शहर जबलपुर देखो " मध्य प्रदेश अपने खूबसूरत पर्यटक स्थल, अपनेपन और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए विश्वप्रसिद्ध है. लेकिन, मध्य प्रदेश का यह शहर इन सभी खास बातों के साथ अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी मशहूर है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के खूबसूरत शहर जबलपुर के बारे में, जिसे संस्कारधानी के नाम से भी जाना जाता है.
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जबलपुर में वैसे तो बेहद सुंदर पर्यटन स्थल हैं, जहां पर इत्मिनान से देखने पर ही आनंद आएगा, लेकिन MP Tak आपको जबलपुर की सबसे खास जगहों के बारे में बता रहा है, जिन्हें देखकर आपकी यात्रा यादगार बन जाएगी...
भेड़ाघाट का धुंआधार वॉटरफाल
धुंआधार वॉटरफाल एक खूबसूरत तथा मनमोहक पर्यटक स्थल है . यह वॉटरफाल 98 फीट की ऊंचाई से खूबसूरती से गिरता है. जब संगमरमरी चट्टानों से नर्मदा का पानी नीचे गिरता है, तो ये धुएं के समान लगता है. इसी वजह से इस झरने का नाम धुआंधार पड़ा, जिसका अर्थ है 'धुएं का प्रवाह'. मिलता है. गर्मियों में यहां आने का अपना मज़ा है, जहां आप नाव की सवारी, नदी के किनारे पिकनिक या सनसेट के सबसे अद्भुत दृश्यों का भी आनंद उठा सकते हैं.
समय: सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (बोटिंग के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये)
भेड़ाघाट की मार्बल रॉक्स
जबलपुर का भेड़ाघाट बेहद सुंदर है, यहां के नजारे आपका दिल लूट लेंगे. भेड़ाघाट में आपको अनोखी संगमरमर की चट्टानें भी देखने मिलेंगी. यहां 100 फीट की ऊंचाई तक ऊंचे, संगमरमर के ये पहाड़ विभिन्न रूपों और रंगों में दिखाई देते हैं - जिनमें सफेद, काला, हल्का नीला और हल्का हरा शामिल है . यहां आप केबल कार में या नाव पर घाटी के पार यात्रा भी कर सकते हैं. यहां के मोहनीय दृश्यों का आनंद लें, विशेष रूप से सनराईज के दौरान या पूर्णिमा की रात को, यह सुखद अनुभव आपको लाइफटाइम तक याद रहेगा.
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समय: पूरे दिन खुला रहता है
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (नौका विहार शुल्क लागू)
भेड़ाघाट में कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है जैसे - मोहेनजोदारो, अशोका, डंकी आदि.
मार्बल Rocks ना केवल जबलपुर बल्कि, पूरे MP की शान है.
ऋतिक रोशन तक ने यहां की जमकर तरीफ़ें की थी.
डुमना नेचर रिजर्व पार्क
यह पार्क 1058 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला शहर की सीमा के बाहर एक पर्यावरण तथा पर्यटन स्थल है, जहां आप सुंदर वनस्पतियों और जीवों को देख हैरान रह जाएंगे. आप यहां कई मनोरंजक गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं, जैसे मछली पकड़ना, पक्षी देखना और वॉकिंग/साईकलिंग . यहां पुस्तकालय के साथ खान-पान की सुविधा हेतु रेस्टोरेंट भी है. बच्चों के साथ यहां मौजूद टॉय ट्रेन मे बैठने का आनंद लेते हुए उनके साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं.
स्थान: एयरपोर्ट रोड, जबलपुर
समय: सुबह 30 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क: 20 रुपये प्रति व्यक्ति
बरगी बांध
बरगी बांध 1974 - 1990 के बीच नर्मदा नदी पर बनाया गया था. 16 साल में बना यह प्रोजेक्ट विशालकाय है . बांध का पानी तीन जिलों यानी जबलपुर, मंडला और सिवनी के इलाकों में फैला हुआ है. बरगी बांध की ऊंचाई 69 मीटर और लंबाई 5.4 किलोमीटर है. बरगी बांध को आपके जबलपुर के टूर प्लान में जरूर शामिल करना चाहिए. यह सिंचाई और बिजली उत्पादन के उद्देश्य से निर्मित नर्मदा नदी पर बने पहले 30 पूर्ण बांधों में से एक है. वॉटर स्कूटर, पैडल बोटिंग, स्पीड बोटिंग और क्रूज़ राइड की सुविधाओं के साथ यह साइट पिकनिक के लिए भी अच्छी है. यहां का मुख्य आकर्षण यहां की क्रूज़ की सवारी है.
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बैलेंसिंग रॉक
जबलपुर का बैलेंसिंग रॉक देखकर आप हैरान रह जाएंगे. क्योंकि आपने ऐसा दृश्य आज तक नहीं देखा होगा. यह संरचनाएं वास्तव में नष्ट हुई ज्वालामुखीय चट्टानों की एक शाखा हैं. ऊपरी चट्टान, निचली चट्टान पर इस तरह संतुलित है कि कोई भी प्राकृतिक आपदा उनकी मूल स्थिति को बाधित नहीं कर पाई है. कई तूफान आये , कई आपदायें आयीं, यहां तक कि भूकंप भी आये, मगर यह रॉक टस से मस नहीं हुआ. इस स्थल की असामान्यता ने इसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय आकर्षण बना दिया है.
कचनार सिटी मंदिर
जबलपुर के बीचों-बीच स्थित भगवान शिव को समर्पित मंदिर एक दार्शनिक स्थान है . देशभर से महाकाल भक्त यहां भगवान शिव की 76 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा को देखने दूर-दूर से आते हैं. मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है. यह एक सुंदर तथा अलौकिक मंदिर है.
समय - सुबह 7 बजे से रात 8:30 बजे तक आ सकते हैं.
इन जगहों की भी करें सैर
- ग्वारीघाट
- रानी दुर्गावती संग्रालय ( दुर्गावती को समर्पित, यह संग्रहालय 1976 में जनता के लिए खोला गया था और इसमें प्राचीन सिक्कों, प्रागैतिहासिक अवशेषों और तांबे और पत्थर के शिलालेखों का एक सुंदर संग्रह है)
- त्रिपुर सुंदरी मंदिर
- भवरताल
- साउथ एवेन्यू माल
- देवताल
- टैगोर गार्डन
यहां के स्वादिष्ट व्यंजन भी ज़रूर करें ट्राई
- पोहा जलेबी
- द्वारका स्वीट्स की कचोरी
- Anna का डॉसा
- सदर की चाट
- इचाधारी लस्सी
- पॉपुलर फ्रेश मोमोज़
- बेस्ट चॉइस का बर्गर
- चौपाटी का खाना
- काका की दाबेलि
- फालूदा
- खोए की जलेबी
गक्खड़ भर्ता और खोए की जलेबी की खोज जबलपुर में ही हुई थी. इसके अलावा स्नूकर का खेल भी जबलपुर ने ही दुनिया को दिया है.
इनपुट: एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी की रिपोर्ट.
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