Bageshwar Dham: गंगोत्री धाम से अपने प्राणनाथ बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलन की खातिर करीब 1250 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर बागेश्वर धाम पहुंची शिवरंजनी तिवारी ने गंगा कलश का जल बागेश्वर धाम के भोलेनाथ को तो अर्पित कर दिया, लेकिन अपने प्राणनाथ यानी बाबा बागेश्वर से नहीं मिल पाईं और निराश होकर शिवरंजनी को वापस लौटना पड़ा.
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1250 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करने वाली शिवरंजनी, माथे पर कलश लिए गंगोत्री से निकली थीं. 16 जून रात 10 बजे वे बागेश्वर धाम पहुंची. लेकिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी.
अज्ञातवास पर गाए ‘प्राणनाथ’
शिवरंजनी ने सपने सजाए थे कि जब वह बागेश्वर धाम पहुंचेंगी तो उनके भविष्य का पर्चा उनके प्राणनाथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खोलेंगे. मगर वह समय नहीं आया जिसमें वह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ मिलन के सपने देख रही थीं. यात्रा के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान लगातार दिखाई दे रही थी. लेकिन शिवरंजनी को जब से पता चला कि बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धाम पर नहीं हैं और वह 5 दिनों के लिए अज्ञातवास पर जा चुके हैं तो तभी से निराशा शिवरंजनी के चेहरे पर दिखाई देने लगी थी.
निराश होकर लौटीं शिवरंजनी
धीरेंद्र शास्त्री के अज्ञातवास की खबर होने के बावजूद भी शिवरंजनी तिवारी ने उम्मीद जताते हुए कहा था कि उन्हें ‘110 परसेंट उम्मीद है कि दर्शन भी होंगे और मुराद भी पूरी होगी.’ लेकिन बागेश्वर धाम पहुंचने के बावजूद भी उनकी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात नहीं हो सकी. जब उन्होंने बागेश्वर धाम में पहुंचकर भोलेनाथ को जल अर्पित किया, उस समय मीडिया से किसी भी प्रकार की बात नहीं की और वह निराशा भरा चेहरा लेकर वापस लौट गईं.
आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर सूचना दी गई थी कि ‘पूज्य सरकार अभी 20 जून तक एकांतवाश में है…भोपाल की कथा संपन्न होने के बाद दिनांक 24 जून को धाम पधारेंगे…’
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