DSP Santosh Patel: घर में बंद किया, रस्सी से बांधा, मजदूर मां ने बेटे को कैसे बनाया सबसे चर्चित पुलिस अफसर?

एमपी तक

03 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 3 2024 3:15 AM)

मध्य प्रदेश के ग्वालियर के डीएसपी संतोष पटेल काफी सुर्खियों में रहते हैं. आइए जानते हैं कि गरीबी में जीवन जीने वाले संतोष पटेल कैसे मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित डीएसपी बने?

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DSP Santosh Patel: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के डीएसपी संतोष पटेल काफी सुर्खियों में रहते हैं. डीएसपी संतोष पटेल अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. पन्ना जिले के अजयगढ़ के देवगांव के रहने वाले संतोष पटेल आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वे अक्सर लोगों की मदद करते हुए नजर आते हैं, लेकिन उनका जीवन बड़े संघर्षों से भरा रहा है. उनकी सफलता की कहानी काफी रोचक है, आइए जानते हैं कि गरीबी में जीवन जीने वाले संतोष पटेल कैसे मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित डीएसपी बने?

संतोष पटेल का जीवन बेहद गरीबी में गुजरा है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की है. डीएसपी संतोष पटेल की मां खेतों में काम करती हैं. वे अपनी सफलता में मां का सबसे बड़ा हाथ मानते हैं. डीएसपी संतोष पटेल ने MPtak को अपनी सफलता की पूरी कहानी बताई….

इंजीनियरिंग छोड़ कवि बनने लगे थे

डीएसपी संतोष पटेल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. घरवालों को उम्मीद थी कि चार साल की पढ़ाई के बाद बेटा इंजीनियर बनेगा और कुछ करेगा. लेकिन उनके पास कुछ स्किल्स नहीं थी, कुछ करने लायक नहीं बचे थे. संतोष पटेल नए-नए कवि बने थे. ख्याली पुलाव बनाने लगे कि मैं बड़ा कवि बनूंगा और मुझे दुनिया देखेगी. इस चक्कर में और पढ़ाई में और भी मन नहीं लग रहा था.

उन दिनों उन्होंने लिखा था, “उन दिनों किताबों से नफरत सी हो गई थी, न जाने किससे मोहब्बत सी हो गई थी. मुझे जुर्म कुबूल करना ही पड़ा जब मेरे अपनों को मुझसे शिकायत सी हो गई थी. फिर से मुझे किताबों का सहारा लेना पड़ा, जब नौकरी की जरुरत सी हो गई थी.”

मां ने नींबू के पेड़ से बांध दिया

डीएसपी संतोष पटेल कहते हैं कि मेरी सफलता में मां का बहुत बड़ा हाथ है. एक किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार मैं क्रिकेट खेलने चला गया, मां को लगा कि मैं पढ़ाई कर रहा हूं. जब वो वापस आईं तो मैं घर पर नहीं मिला. थोड़ी देर बाद मैं हाथ में बल्ला लिये हुए आ रहा था. तब वे नाराज हो गईं, उन्होंने मुझे नींबू के पेड़ से बांध दिया था.

घर के अंदर बंद कर दिया

इंजीनियरिंग के बाद संतोष पटेल पढ़ाई छोड़ चुके थे. उन्होंने बताया कि जब इंजीनियरिंग के बाद कुछ नहीं कर रहा था तो भी उन्हें मां ने घर के अंदर बंद कर दिया था. बोलीं कि अब यहीं रहोगे, यहीं पढ़ाई करोगे. संतोष पटेल ने मां से माफी मांगी और बाहर पढ़ाई करने के लिए कहा.

लड़कियों से डर गईं मां

संतोष पटेल छतरपुर या पन्ना जाकर पढ़ाई करने करने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन मां का कहना था कि वहां पर हमारी समाज की कई लड़कियां रहती हैं, तुम उनके चक्कर में बर्बाद हो जाओगे. तब एक दोस्त ने कहा कि मैं इसकी जवाबदारी लेता हूं, कुछ नहीं होगा, तब जाकर मां ने पढ़ाई के लिए भेजा. इसके बाद मन लगाकर पढ़ाई की और MPPSC का एग्जाम क्लीयर किया.

लालबत्ती का संकल्प

संतोष पटेल ने 2015 में एक संकल्प लिया था कि जब तक लाल बत्ती वाली गाड़ी नहीं मिल जाती, तब तक दाढ़ी नहीं बनाउंगा. उन्होंने 15 महीने तक कड़ी मेहनत की और अपने कठोर परिश्रम की बदौलत एमपीपीएससी में उनका चयन हुआ और वे डीएसपी बने.

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