kuno national park: कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'गामिनी' के शावक की मौत, जानें अब तक कितने चीते तोड़ चुके दम

खेमराज दुबे

05 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 5 2024 11:01 AM)

Kuno National Park: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित चीतों के इकलौते घर कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. यहां तीन माह पहले मादा चीता गामिनी द्वारा जन्मे 6 शावकों में से एक शावक की मौत हो गई.

कूनों नेशनल पार्क

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Kuno National Park: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित चीतों के इकलौते घर कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. यहां तीन माह पहले मादा चीता गामिनी द्वारा जन्मे 6 शावकों में से एक शावक की मौत हो गई. मृत शावक मां के पास पड़ा मिला. फिलहाल पूरे मामले मौत की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है. पार्क प्रबंधन की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह पता चल सकेगी. 

जानकारी के मुताबिक 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से जिन 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था, उनमें से मादा चीता गामिनी भी थी. पांच साल की गामिनी ने 10 मार्च को 6 शावकों को जन्म दिया था. कूनो प्रबंधन ने मदर्स-डे पर गामिनी और उसके शावकों की मौज मस्ती करते हुए वीडियो व फोटो भी जारी किए थे. जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे.  

 

 

कूनों में घटा चीतों का कुनवा

बीती मंगलवार की शाम 4 बजे करीब पशु चिकित्सक टीम ने देखा कि एक शावक मां के पास लेटा हुआ है. जबकि बाकी पांच शावक इधर-उधर खेल रहे हैं. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने पास जाकर जांच की तो मृत पाया गया. अब कूनो पार्क में शेष 13 शावक और 13 व्यस्क चीते ही शेष बचे हैं. 

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पोस्ट मार्टम के बाद होगा खुलासा

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुरल आर ने एमपीतक को फोन कॉल पर बताया कि शावक स्वस्थ्य था. वह मॉनिटरिंग टीम को मादा चीता गामिनी के पास अचेत पड़ा मिला था. काफी देर तक उसके शरीर मे जब कोई हरकत नहीं हुई. तब डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित किया. शावक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. शेष सभी चीते और शावक स्वस्थ्य है.

पहले भी हो चुकी है चीतों की मौत

यहां बतादे कि पिछले साल से लेकर अब तक 4 शावकों सहित कुल 11 चीतों की मौत हो चुकी है. पिछले साल गर्मी में ज्वाला चीता के शावकों की मौत हो गई थी. जिसे देखते हुए कूनो प्रबंधन ने चीता व शावकों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए कई प्रबंध किए हैं, लेकिन फिर एक शावक की मौत हो गई. हालांकि राहत की बात यह है कि 2-3 दिन में तापमान 48 डिग्री पहुंचने के बाद 44 डिग्री पर आ गया है.

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