संविदा कर्मचारी और शिक्षकों के लिए मध्यप्रदेश सरकार का चुनावी साल में एक और ‘गिफ्ट’, जानें

अमन तिवारी

• 09:03 AM • 01 Apr 2023

Mp News: मध्यप्रदेश में चुनावी साल आते ही सरकार वोटरों को अपनी तरफ खीचनें मे जुट गई है. आए दिन सरकार किसी न किसी योजना के जरिए आम जनता को अपने पाले में लाने की कोशिस कर रही है. प्रमोशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है. कई बार […]

CM released 'Youth Policy' on Martyr's Day, said - this is a humble attempt to make your life

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Mp News: मध्यप्रदेश में चुनावी साल आते ही सरकार वोटरों को अपनी तरफ खीचनें मे जुट गई है. आए दिन सरकार किसी न किसी योजना के जरिए आम जनता को अपने पाले में लाने की कोशिस कर रही है. प्रमोशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है. कई बार इसके लिए भोपाल में आंदोलन भी हो चुके हैं. लेकिन प्रमोशन का लेकर कोर्ट कचहरी में प्रकरण लंबित होने की वजह से इस पर प्रदेश सरकार ने उच्च पदों का प्रभार दिये जाने पर विचार किया है. आने वाले कुछ दिनों में कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद ये लागू किया जा सकता है. इसके अलावा  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाली राज्य स्तर एवं जिलों में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाओं को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है. ये दोनों काम चुनावी साल की रेवड़िया साबित हो सकते हैं.

जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि ” शिक्षकों को पदोन्नति न मिलने के कारण दिक्कतें आ रही थीं, हम उन्हें संवर्गवार उच्च पदों का प्रभार दे रहे हैं. इसके आदेश एक सप्ताह में जारी हो जाएंगे.” आम जनता की मानें तो ये सिर्फ चुनावी साल के कारण घोषणा की गई है. कर्मचारी बोले अगर ये चुनावी साल न होता तो ये भी न देती ये सरकार. मजबूरी है कुछ ताे करना ही पड़ेगा.

संविदा कर्मचारियों के सेवाएं एक साल के लिए और बढ़ी
इस पूरे मामले में मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मिशन अंतर्गत काम करने वाले समस्त संविदाकर्मी जिनमें चिकित्सकीय, गैरचिकित्सकीय, सलाहकारों, पैरामेडिकल, नर्सिग संवर्ग, प्रशासकीय संवर्ग, सेवा निवृत्त प्रशासकीय संवर्ग कर्मचारी की संविदा सेवा अवधि में एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दी गई है. इसके अलावा जिन कर्मचारियों की उम्र 31 मार्च.2023 को 67 वर्ष अथवा 67 वर्ष से अधिक हो चुकी हैं. उनकी सेवाएं आगे नहीं बढ़ाई जाएगी.

चुनावी साल में सरकार को नाराजगी का डर
मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा विभाग शिक्षा है. इस पूरे विभाग में साढ़े तीन लाख से अधिक छोटे बड़े कर्मचारी हैं. जो लंबे समय से सरकार से प्रमोशन की मांग कर रहे हैं. कई बार इसको लेकर वों आंदोलन भी कर चुके हैं. चुनावी साल होने के कारण सरकार इन्हें नाराज नहीं करना चाहती. इनकी नाराजगी सरकार पर भारी पड़ सकती है. बस इसी कारण सरकार ने प्रमोशन देने के बजाय कुछ थोड़ी बहुत राहत का रास्ता निकाला है. पदोन्नति की एवज में उच्च पदों का प्रभार देने का निर्णय करीब एक साल पहले लिया गया है, पर अब तक पुलिस, जेल विभाग में ही इस पर अमल हुआ था. अब ये निर्णय शिक्षा विभाग में लागू होने जा रहा है.

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