MP Board Result 2024 12th Topper jayant yadav marksheet: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड ने लंबे इंतजार के बाद 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. 12वीं के रिजल्ट सामने आने के बाद कालापीपल के जयंत यादव का नाम चर्चाओं में है. जयंत ने आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. जयंत को 500 में से कुल 487 अंक मिले हैं. टॉपर जयंत की मार्कशीट देख दंग रह जाएंगे.
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जयंत को सबसे ज्यादा अंक जोग्राफी में हासिल हुए हैं. जोग्राफी में जयंत को पूरे 100 अंक मिले हैं. वहीं इंगलिश में 96, हिंदी में 98, हिस्ट्री में 94 और राजनीति में 99 अंक प्राप्त हुए हैं.
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जयंत ने किराए का कमरा लेकर गृह नगर राजगढ़ जिले के तलेन से 40 किमी दूर कालापीपल जाकर पढ़ाई की. पिता छोटे किसान हैं और उनके पास केवल 11 बीघा जमीन है. दो बहनों के बाद परिवार में सबसे छोटे बेटे जयंत ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई धनंजय के साथ कालापीपल में रहकर पढ़ाई करता था.
सोशल मीडिया से दूरी रखी..!
जयंत ने पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी और केवल आधा घंटा रिलैक्स होने के समय में सोशल मीडिया पर समय दिया. सफलता के बारे में बताते हुए जयंत ने कहा कि राजनीतिक विज्ञान उनका पसंदीदा विषय है और राजनीति के घटनाक्रम के सीक्वेंस को याद रखने के लिए उसका रोचक तरीका साथी दोस्तों को इतना अच्छा लगता था, कि सब दोस्त उससे पढ़ने के लिए आते थे. बस दोस्तों की पढ़ाई में मदद की भावना ने जयंत को टॉपर बना दिया.
UPSC है टॉपर जयंत का सपना
स्कूल में पढ़ाए जाने वाले टॉपिक कई बार दोस्तों को पढ़ाने के कारण सब विषय जयंत यादव को कंठस्थ होते चले गए और बिना प्रेशर उसे पूरा पाठ्यक्रम मौखिक याद हो गया. जयंत को सबसे कठिन विषय हिंदी और अंग्रेजी भाषा लगा, क्योंकि उस पर सबसे कम ध्यान दिया. परीक्षा के ठीक पहले इन दोनों विषयों पर फोकस कर उसे भी कवर किया. आगे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर देश की सेवा के लिए शासकीय सेवा में जाना जयंत ने अपना मकसद बताया.
निराशा में याद करते थे पिता का चेहरा
टर्निंग पॉइंट और सबसे निराशा का समय कौन सा रहा पढ़ाई के दौरान? इसका जवाब देते हुए जयंत यादव ने बताया कि प्री बोर्ड परीक्षा के बाद उनका स्कूल के एक शिक्षक से विवाद हो गया था. मन बुरी तरह खराब था और परिवार के लोगों ने भी समझाया कि शिक्षक कभी बच्चों का बुरा नहीं चाहते. बस परिवार की इसी बात को मानकर दोबारा खुद को सामान्य माहौल में लाकर पढ़ाई की और उसी का नतीजा है कि आज पूरे प्रदेश में अव्वल आ सका. घर से दूर रहने पर परिवार की याद आती थी, ऐसे में आंख बंद कर केवल किसान पिता का चेहरा याद करता था, तो हौसला वापस आ जाता था.
....तो सफलता निश्चित है
दूसरों को सफलता के लिए दिए ये टिप्स जयंत ने कहा कि जब परिवार सीमित साधन रहकर बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर भेजता है, तो जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में केवल एक संकल्प बुरी आदतों से दूर रहने का लेते हुए परिवार की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए पढ़ाई करने का पालन किया जाए, तो सफलता निश्चित है.
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