Harda Blast Laatest Update: हरदा के फैक्ट्री के हादसे से पूरा देश दहला हुआ है. विस्फोट वाली फैक्ट्री के बारे में एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. एमपी तक की टीम पटाखा फैक्ट्री (firecracker factory) में हुए हादसे से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित उस अधूरे पड़े मकान पर पहुंची, जहां 11 मई 2021 को घर में पटाखा बनाते समय हुए ब्लास्ट में एक ही परिवार की तीन महिलाओं ने अपनी जान गंवाई थी. मृतकों के परिजन ने पटाखा फैक्ट्री के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
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पटाखा फैक्ट्री से जुड़ा पुराना राज खुल गया है. दरअसल, 3 साल पहले भी फैक्ट्री में पटाखा बनाते समय हादसा हुआ था. जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी. पटाखा बनाते समय एक बुजुर्ग की मां शांताबाई तंवर, पत्नी विमला तंवर और पोती संध्या तंवर की मौत हो गई थी. वहीं आग में झुलसे परिजनों को बचाने में बुजुर्ग के पुत्र लोकेश तंवर के दोनों हाथ के पंजे झुलस गए थे, जो कि अब पूरी तरह विकलांग हो गया है.
अब बहू भी हो गई हादसे का शिकार!
घर में मौजूद बुजुर्ग प्रताप ने तीन साल पुरानी ये दास्तां बताई. अब घर में बुजुर्ग के अलावा दो पोती, एक पोता, विकलांग पुत्र और बहू है. बहू मजदूरी कर पूरे परिवार का भरण पोषण करती है, लेकिन कल हुए भीषण हादसे में बुजुर्ग की बहू भी हादसे का शिकार हो गई. हादसे में एक पैर टूट गया है, जिसे इलाज के लिए इंदौर रेफर किया गया है.
पटाखा फैक्ट्री के बारे में किया बड़ा खुलासा
एमपी तक से बातचीत में बुजुर्ग प्रताप ने बताया कि उनका परिवार पटाखे बनाने का काम करता था. पटाखे बनाते समय आग लग गई. पटाखे घर पर बनाते थे और माल राजू सेठ देता था. 10-12 क्रैट माल पटाखा बनाने के लिए दिया जाता था. परिवार के तीन लोग मां, पत्नी और पोती पटाखा बनाते थे. बारूद में आग लगने से हादसा हुआ था. मकान की टीन और छत उड़ गई थी. हादसे के बाद परिवार ने पटाखा बनाना बंद कर दिया था. लेकिन इस हादसे के बावजूद फैक्ट्री में लगातार पटाखे बनाने का काम किया जा रहा था.
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