mp news: वंदे भारत ट्रेन में एक शख्स को पेशाब करना महंगा पड़ गया. ड्राई फ्रूट कारोबारी दक्षिण् एक्सप्रेस से हैदराबाद से भोपाल होते हुए सिंगरौली जा रहे थे. भोपाल पर कुछ देर के लिए ट्रेन रुकी तो कारोबारी अपनी पत्नी और बच्चे के साथ प्लेटफॉर्म पर उतर गया. कारोबारी इस दौरान खाना लेने गया. खाना लेने के बाद कारोबारी को पेशाब आया तो सामने एक अन्य प्लेटफाॅर्म पर वंदे भारत ट्रेन खड़ी थी. कारोबारी उसके अंदर पेशाब करने चला गया और इस दौरान गेट बंद हो गया.
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इसके बाद कारोबारी ने टीटी और पुलिस के खूब हाथ-पांव जोड़े लेकिन ट्रेन नहीं रोकी गई और ट्रेन सीधे पहुंच गई उज्जैन. इस दौरान उस पर जुर्माना अलग से लगाया गया. इसके बाद कारोबारी ने वीडियो जारी कर अपना पीड़ा सोशल मीडिया पर जारी की और वंदे भारत में इमरजेंसी में ट्रेन रोके जाने का सिस्टम न होने को लेकर अपना विरोध जताया.
दरअसल सिंगरौली के बैढन के रहने वाले अब्दुल कादिर (42 साल) जिनका हैदराबाद के बेगम बाज़ार में ज़ाफ़रान हाउस के नाम से ड्रॉई फ्रूट की दुकान है, वहीं सिंगरोली में भी एक ड्राई फ्रूट की दुकान है. 14 जुलाई को अपनी पत्नी और 8 साल के बेटे के साथ दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन से हैदराबाद से सिंगरौली के लिए रवाना हुए थे. इसके लिए उन्होंने सेकंड ऐसी का टिकिट लिया था.
ऐसे हुआ पूरा घटनाक्रम
15 जुलाई की शाम 5.20 पर उनकी ट्रेन भोपाल स्टेशन पहुंची, वही 8.55 पर ट्रैन सिंगरौली जाती. भोपाल पहुंचने के बाद कादिर प्लेटफार्म पर परिवार सहित उतरे और वह खाना लेने के लिए जाने लगे. इस दौरान उसको जोर से पेशाब आया तो वह दूसरे प्लेटफार्म पर खड़ी हुई ट्रेन में पेशाब करने चले गए जो कि वंदे भारत ट्रेन थी. कादिर के अनुसार शाम 7:24 पर ट्रेन में दाखिल हुए और 7:25 पर बिना किसी सूचना के ट्रेन का गेट लॉक हो गया.
उन्होंने बहुत कोशिश की गेट खुल जाए लेकिन गेट नहीं खुला. गेट नहीं खुलने के बाद कादिर ट्रैन की बोगी में गए इस दौरान उन्हें अलग-अलग बोगियों में 3 टीटी मिले वही दो महिलाओं और 2 पुरूष पुलिस के जवान भी मिले.कादिर ने सबसे मिन्नत की. जुर्माना देने तक की बात की. लेकिन फिर भी कोई भी गेट नहीं खोल पाया.
उनको बताया गया कि इस ट्रेन का गेट सिर्फ ड्राइवर ही खोल सकता है,वही जब कादिर उनके पास जाने लगे तो उनको रोक दिया गया. ट्रैन से उज्जैन पहुंचने पर कादिर ट्रेन से बाहर निकल पाए. इस दौरान ट्रेन में मौजूद टीटी ने कादिर का 1020 रुपये का टिकट बनाया. उज्जैन से भोपाल आने के लिए कादिर को 750 रुपये में बस का टिकिट खरीदना पड़ा. वही भोपाल से उज्जैन पहुंचने और भोपाल वापस लौटने के दौरान कादिर का 4000 का टिकट छूट गया. इस प्रकार कादिर को वंदे भारत एक्सप्रेस में चढ़कर पेशाब करने का सोचने मात्र में 6000 की चपत लग गई. हालांकि कादिर ट्रेन में पेशाब भी नहीं कर पाए थे इससे पहले ट्रेन चल दी थी.
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