MP में एक फैमिली ऐसी भी: 17 लाड़ली बहनें, 5 योजनाएं, हर महीने 62 हजार की इनकम, जानें

उमेश रेवलिया

15 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 15 2023 8:35 AM)

MP Beigest Family Story: मध्य प्रदेश के खरगोन में आदिवासी समाज के एक परिवार के 90 सदस्य एक साथ रहते हैं. ये संयुक्त परिवार एकता की मिसाल है. इसे मध्य प्रदेश का सबसे ज्यादा सदस्यों वाला परिवार माना जाता है. परिवार के 90 सदस्यों में 17 लाडली बहनों को अन्य पांच योजनाओं से 62 हजार […]

A family like this in MP: 12 dear sisters, 5 schemes, income of 62 thousand rupees every month

A family like this in MP: 12 dear sisters, 5 schemes, income of 62 thousand rupees every month

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MP Beigest Family Story: मध्य प्रदेश के खरगोन में आदिवासी समाज के एक परिवार के 90 सदस्य एक साथ रहते हैं. ये संयुक्त परिवार एकता की मिसाल है. इसे मध्य प्रदेश का सबसे ज्यादा सदस्यों वाला परिवार माना जाता है. परिवार के 90 सदस्यों में 17 लाडली बहनों को अन्य पांच योजनाओं से 62 हजार रुपये की इनकम होती है. परिवार में 17 लाड़ली बहना, 5 प्रधानमंत्री आवास और सीएम किसान सम्मान निधि के हितग्राही हैं. परिवार के मुखिया के नाम से ग्राम पंचायत का फलियां जाना जाता है. खरगोन के इस संयुक्त परिवार की तारीफ विधायक और कलेक्टर भी करते हैं.

खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर भगवानपुरा विकासखंड की ग्राम पंचायत देवाड़ा में एक वासल्या फलियां (बस्ती) है. वास्तव ये फलिया एक ही परिवार के नाम से जाना जाता है. उसी परिवार के मुखिया के नाम पर वासल्या फलियां है. सामान्यतः एक फलिये में 8-10 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां पर पूरा वासल्या फलिया एक ही परिवार से बना हुआ है. स्वर्गीय वासल्या पटेल के 5 बेटे और 6 भाईयों सहित परिवार में कुल 90 सदस्य हैं. इस परिवार में 44 पुरुष और 46 महिला सदस्य हैं.

जनजातीय समुदाय के नागरिकों में ये परंपरा रही है कि वे विवाह के बात अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अलग मकान में रहतें है लेकिन कई बार रसोई और कृषि सामूहिक रूप से करते है. इस पटेल (ब्राम्हण) परिवार का एकजुट होकर रहने की भी कुछ ऐसी ही संस्कृति है. सभी के अलग-अलग घर और रसोई है. कुछ भाई सामूहिक रूप से कृषि करते है लेकिन इससे इनकी एकजुटता पर कोई फर्क नहीं पड़ता.

परिवार की 17 महिलाएं लाड़ली बहना योजना में

प्रदेश में दो माह पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में इस परिवार की महिलाओं ने भी आवेदन किए थे. संभवतः प्रदेश में एक ही परिवार की सबसे अधिक लाड़ली बहनें और अन्य 2 योजनाओं के माध्यम से प्रतिमाह 62 हजार रुपये सीधे बैंक खाते में सबसे ज्यादा मदद राशि लेने वाला पहला परिवार है. लाड़ली बहना योजना के पहले चरण में परिवार की 12 महिलाओं के खाते में राशि आना शुरू हो गई है. अब योजना के तहत पात्र महिलाओं की न्यूनतम उम्र 23 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है. इससे लाड़लियों के इस कुनबे में परिवार की 5 अन्य महिला सदस्य और जुड़ जाएंगी. इस तरह योजना का लाभ लेने में एक ही परिवार की कुल 17 महिलाएं लाड़ली बहनें बन जाएंगी.

परिवार के सदस्यों ने बताया योजना से मिलने वाली राशि को बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य पर खर्च किया गया है. परिवार के मुखिया स्व. वासल्या के अलावा इंजनिया, रामलाल, जुरसिंग, जगदीश व कैलाश ब्राम्हणे कुल 6 भाई हैं. जबकि भूरसिंह, गिलदार, ठेवासिंह, रेलसिंघ और तेलसिंह वासल्या के 5 लड़के हैं.

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी फैमिली के बारे में जानिए.

इन योजनाओं का भी मिल रहा फायदा

इसके अलावा इसी परिवार के 5 सदस्य ऐसे है जो भारत शासन की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के भी हितग्राही हैं. इसमें उन्हें हर साल केंद्र से 6 हजार रुपये और सीएम से 4 हजार रुपये पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में मिलते हैं. इनमें परिवार के सुंदरी बाई, गिलदार, तेलसिंग, भूरसिंग व लालीबाई शामिल हैं.

104 की समिति में परिवार के 48 सदस्य
देजला-देवाड़ा तालाब भी इसी फलिये के नजदीक ही हैं. तालाब पर समिति बनाकर मत्स्याखेट किया जाता है. 104 सदस्यों की समिति में इस परिवार के 48 सदस्य शामिल हैं. इस तालाब से होने वाली आय में इन सदस्यों का हिस्सा 37500-37500 रुपये एक सीजन में लाभ ले रहे है.

विधायक और कलेक्टर ने की तारीफ

भगवानपुरा के निर्दलीय विधायक केदार डाबर का कहना है निश्चित ही हमारे क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवाड़ा में वासल्या भाई का फ़लिया आता है. वासल्या भाई के सभी भाई संयुक्त परिवार के रूप में एक ही मोहल्ले में रहते हैं. आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी परिवार का इकट्ठा रहना दुर्लभ है. अन्य समाज में कहीं संयुक्त परिवार इतनी संख्या में देखने को नहीं मिलता है.

वहीं कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा का कहना है इतना बड़ा परिवार शायद देश में प्रदेश में देखने को नहीं मिलते. आदिवासी समाज में 90 सदस्य एक ही परिवार में है और वह भी संयुक्त परिवार के रूप में रह रहे हैं. अच्छी बात यह है कि सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ परिवार को मिल रहा है. लाडली बहना योजना के तहत 12 महिलाएं हैं और अभी 21 से 23 वर्ष करने से पांच और जुड़ गई हैं. इस तरह एक ही परिवार कि 17 महिलाओं को लाडली बहना योजना का लाभ मिल रहा है. ये एक उपलब्धि है कि एक ही परिवार के इतने लोगों को एक साथ शासन की योजना का लाभ मिल रहा है.

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