विदाई समारोह में MP हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ का ये बयान हो रहा वायरल, "मेरे बहुत से दुश्मन हैं, लेकिन.."

एमपी तक

29 May 2024 (अपडेटेड: May 29 2024 8:08 PM)

Chief Justice of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ ने अपने विदाई समारोह में एक बयान दिया, जिसकी अब हर तरफ चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि मेरे बहुत से दुश्मन हैं, लेकिन मुझे इस पर गर्व है.

Chief Justice of Madhya Pradesh

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Farewell ceremony of Chief Justice of MP: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ का विदाई समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. लेकिन उनके विदाई समारोह में कुछ ऐसी बातें हुईं, जिसकी चर्चा अब हाईकोर्ट व लॉ जगत में काफी हाे रही है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ ने अपने विदाई समारोह में एक बयान दिया, जिसकी अब हर तरफ चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि मेरे बहुत से दुश्मन हैं, लेकिन मुझे इस पर गर्व है.

अपने रिटायरमेंट स्पीच में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे जस्टिस मलिमथ ने कहा, ..."मुझे कर्नाटक से उत्तराखंड में चीफ जस्टिस बनाने के लिए ट्रांसफर किया गया था, लेकिन मुझे वहां चीफ जस्टिस नहीं बनाया गया. फिर मुझे उत्तराखंड से हिमाचल  प्रदेश में चीफ जस्टिस बनाने के लिए ट्रांसफर किया गया. मुझे वहां भी चीफ जस्टिस नहीं बनाया गया".

जस्टिस मलिमथ ने कहा "फिर मुझे आखिरकार मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया. इन ट्रांसफर से मुझे झटका लगने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मैंने इसके विपरीत किया. मैंने इन सभी जगहों पर लंबे समय तक योगदान दिया, जिसमें उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में मेरा चार-पांच महीने का छोटा कार्यकाल भी शामिल है".

मेरे करियर को कई लोगों ने निगेटिव तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की: जस्टिस मलिमथ

जस्टिस मलिमथ ने कहा कि "मैंने विंध्य, हिमाचल, यमुना और गंगा की भूमि की सेवा की है. मैंने वास्तव में भारत की सेवा की है, और मुझे इस अवसर के लिए सौभाग्य मिला है. ऐसे लोग थे जिन्होंने मेरे करियर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश में महीनों और सालों बिताए. मेरे बहुत से दुश्मन हैं, और मुझे इस पर गर्व है." इस अवसर पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और न्यायाधीश द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए कुछ फैसलों से असहमति जताई.

इनपुट- कनु शारदा की रिपोर्ट.

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