Kuno: बाड़ों में पाइपलाइन बिछाकर कर रहे पानी का छिड़काव, चिलचिलाती गर्मी से चीतों को बचाने के पक्के इंतजाम

खेमराज दुबे

28 May 2024 (अपडेटेड: May 28 2024 4:26 PM)

Kuno National Park News: गर्मी को ध्यान में रखते हुए श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन भी अलर्ट हो गया है. कूनो में चीतों और उनके शावकों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. दरअसल, पिछले साल गर्मी के दौरान चीतों की मौत होने की वजह से कूनो प्रबंधन सतर्क है. 

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Kuno National Park News: मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसकी वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. गर्मी को ध्यान में रखते हुए श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन भी अलर्ट हो गया है. कूनो में चीतों और उनके शावकों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. दरअसल, पिछले साल गर्मी के दौरान चीतों की मौत होने की वजह से कूनो प्रबंधन सतर्क है. 

पिछले साल मादा चीता ज्वाला के 3 शावकों की मौत गर्मी के सीजन में लू आदि की वजह से हुई थी, कई वयस्क चीतों की मौत भी भीषण गर्मी में डिहाइड्रेशन सहित अन्य कारणों के चलते हुई थी. यही वजह है कि इस सीजन में चीता और शावकों को बचाने के लिए पार्क प्रबंधन कृत्रिम उपाय कर रहा है. 

कूनो में गर्म हवाओं का कहर

हीट वेव और भीषण गर्मी के चलते कूनो नेशनल पार्क में दिन का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया. चीतों के लिए यह समय अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है. कूनो प्रबंधन ने इस बार चीतों और शावकों को सुरक्षित रखने के लिए कई कृत्रिम उपाय किए हैं.

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पाइप बिछाकर कर रहे पानी का छिड़काव

कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने चीतों को गर्मी से बचाने के उपायों का वीडियो भी जारी किया है. प्रबंधन ने गर्मी की तपिश से बचने के लिए गर्मी शुरू होने से काफी पहले ही योजना बना ली थी. कूनो में पाइपलाइन को बिछाकर बाड़ों में पहुंचा गया. साथ ही 2 सौर पंपों (5) एचपी 15 एचपी) द्वारा पानी उठाकर 5 किमी दूर तक बाड़ों में छिड़काव किया जा रहा है. वहीं कई नए जलस्रोत तैयार किए गए हैं. बाड़ों के अंदर सूखे नालों नदी से लिफ्ट कर पानी से भरा जा रहा है. इन उपायों से न केवल अतिरिक्त जल स्रोत तैयार हुए, बल्कि सूखी धाराओं के किनारे के पेड़ों को भी हरा-भरा बनाया गया, जिससे जगह ठंडी हो गई.  जिससे बाड़ों के अंदर के ठंडे स्थान बन गए हैं, जो विशेषकर शावकों वाली माताओं को राहत प्रदान कर रहा है.

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एपीसीसीएफ एवं चीता प्रोजेक्ट के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने MPTak को फोन कॉल पर बताया कि जंगलों को हरा- भरा करने का प्रयास किया जा रहा है. ये ठंडे स्थान चीतों, विशेषकर शावकों वाली माताओं को इस चिलचिलाती गर्मी से बचा रहे हैं. जहां भी जरूरत है, हम आसपास के वातावरण को ठंडा बनाने के लिए नियमित रूप से पानी के स्प्रे का भी उपयोग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में कुल 27 चीते हैं, जिनमें 13 वयस्क और 14 शावक शामिल हैं. इस बार की गर्मी में कोई भी अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए वे  प्रयास कर रहे हैं.

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