MP: सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 63 साल होगी या नहीं, पसोपेश में शिवराज सरकार

MP News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल है और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ेगी या वही रहेगी, इसे लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म है. साथ ही मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार भी इसे लेकर पसोपेश में है कि कर्मचारियों की उम्र 62 से बढ़ाकर 63 साल की जाए […]

Retirement age of MP government employees will be 63 years, GAD sent proposal to CMO

Retirement age of MP government employees will be 63 years, GAD sent proposal to CMO

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MP News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल है और सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ेगी या वही रहेगी, इसे लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म है. साथ ही मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार भी इसे लेकर पसोपेश में है कि कर्मचारियों की उम्र 62 से बढ़ाकर 63 साल की जाए या नहीं. विधासनभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों को साधने में जुटी है. इसी के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र एक साल बढ़ाने की तैयारी भी की गई थी, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने शिवराज कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन फिलहाल उस पर कैबिनेट कोई निर्णय नहीं ले पाया है.

कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को एक साल बढ़ाए जाने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने फरवरी में ही मुख्यमंत्री के पास भेज दिया था. बता दें कि अभी मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष है. जिसे बढ़ाकर 63 साल करने का. बता दें कि पिछले विधानसभा में रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 60 से 62 साल किया गया था. सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि अगर उम्र बढ़ा दी तो फिर नई भर्तियां कैसे करेंगे, क्याेंकि लोग रिटायर ही नहीं होंगे तो पद रिक्त कैसे होंगे.

2018 विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी थी रिटायरमेंट उम्र

मध्य प्रदेश में सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के रिटायर होने की संख्या ज्यादा है, लेकिन उस लिहाज से सरकारी भर्तियां नहीं हो रही हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने मसौदा तैयार करके मुख्यमंत्री कार्यालय को 4 महीने पहले ही भेज दिया था, लेकिन सीएम शिवराज उस पर कोई निर्णय नहीं ले सके. शिवराज सरकार ने 2018 में रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की थी. चुनाव में फायदा लेने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने ये फैसला किया था. इसलिए अब फिर से सरकारी कर्मचारियों को ये उम्मीद बंधी है कि सरकार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दे.

इससे पहले 1998 में भी दिग्विजय सिंह सरकार ने 58 साल की रिटायरमेंट उम्र को 60 साल किया था. हालांकि इस बार राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल किया जाए, लेकिन इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी.

3 साल में ढाई लाख कर्मचारी होंगे रिटायर
सरकारी अधिकारी-कर्मचारी लगातार रिटायर हो रहे हैं. हालांकि पिछले पांच सालों ये संख्या घट रही है. पहले ये संख्या 7 लाख के करीब थी. आज यह संख्या करीब सवा चार लाख के आसपास है. अनुमान के मुताबिक, अगले तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई लाख है. ऐसे में दफ्तरों में करीब 2 लाख से भी कम अधिकारी-कर्मचारी ही रह जाएंगे. अगले 4 साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या लाखों में है. रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के  दौरान दी जाने वाली राशि के रूप में लगभग 85 हजार करोड़ रुपये की जरूरत भी होगी.

प्रदेश के डेढ़ लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
चुनावी साल में प्रदेश के कर्मचारी संगठन विभिन्न तरह की मांगे कर रहे हैं, जिन्हें पदोन्नति, भत्ते, वेतन निर्धारण, संविलियन, पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगे शामिल हैं. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों का एक वर्ग ऐसा है, जो रिटायरमेंट की उम्र में बढ़ोतरी कराने की मांग कर रहा है, सरकार ने पांच साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का फैसला किया था, जिसका फायदा प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारियों को मिला है. अगर सरकार इस बार भी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाती है तो करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों फिर से इसका फायदा मिलेगा.

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