Mandsuar Farmer News: मंदसौर जिले के शंकर लाल पाटीदार ने पिछले मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर लोट लगाई थी, यह वीडियो जब वायरल हुआ तो देशभर में सुर्खियां मिलीं. ऐसे में MP तक की टीम शंकरलाल पाटीदार को खोजते हुए इनके गांव साख्तली पहुंच गई. किसान ने कलेक्ट्रेट में तैनात बाबू पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. अब MP Tak ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर उनके आरोपों की सच्चाई जानी.. जानिए किसान शंकर लाल ने क्या कहा...?
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किसान शंकर लाल जी का खेत सुरखेड़ा गांव के अंतर्गत आता है. वहां किसान शंकर लाल पाटीदार मीले जिनसे बातचीत में पता लगा कि जिस जमीन के कागजात लेकर वे इतने सालों से अलग अलग जगह घूम रहे हैं, उन्होंने उसकी रजिस्ट्री का मामला अभी तक न्यायालय में लगाया ही नही..? बातचीत में उन्होंने बताया कि वे 5वीं कक्षा तक पढ़े लिखे हैं, वे कागज लेकर जिसके पास भी गए उन्होंने इन्हें यही बताया कि यदि रजिस्ट्री से संबंधित कोई शिकायत है. तो जिला कलेक्टर के पास जाओ. कोर्ट के जाने की राय तो किसी ने दी ही नहीं.
कलेक्टर ने मुझे शांति से बिठाया: किसान
मंदसौर कलेक्टर ऑफिस में लोट लगाने के विषय मे इन्होंने कहा कि मैं बहुत परेशान हो चुका था तो मैंने कलक्टर साहब के वहां जाकर लौटने लगा. कलक्टर साहब ने मुझे शांति से बैठाया, मुझसे बात की, पानी पिलाया इसके अलावा वहां जो अधिकारी और पुलिस वाले भी थे, उन होने भी सही ढंग से बात की. कलेक्टर साहब ने कहा है की वो इसकी और जानकारी निकालेंगे.
जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से हुई: शंकरलाल का बेटा
किसान के बेटे श्याममलाल पाटीदार ने बताया कि रजिस्ट्री फर्जी तरीक़े से हुई है. उनका कहना है कि ये रजिस्ट्री फर्जी करवा रखी है. हमारे पिताजी के भाई का कहना था कि जमीन उनकी है. उनकी जमीन वो बेच चुके थे, पटेल लोग पहले लिखा पड़ी करते थे, उन्हीं ने किया था. कोर्ट के दस्तावेज मैंने भी देखे हैं.
मेरा जमीन का मामला है जिसके लिए मैं कई सालों से चक्कर लगा रहा हूं, मुझे किसी नेता ने या अन्य लोगों ने नही कहा कि तुम कोर्ट में जाओ. मैं अभी तक कोर्ट नही गया हूं.
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कलेक्टर ऑफिस क्यों लगाई लोट?
कलेक्टर ऑफिस में लोट लगाने के सवाल पर कहा कि- मैं परेशान हो गया था, वहां के लोगो ने मुझे उठाया पानी पिलाया, आराम से बैठाया. किसी ने कोई बदतमीजी नही की, कलेक्टर साहब ने कहा की तुम्हारी मदद करेंगे. किसान ने कागज दिखाते हुए कहा कि चार लोगों के फोटो लगे है चारों पर एक ही नाम है अम्बालाल? जबकि इनका नाम तो है ही नहीं? अब कोर्ट जाएंगे.
किसान शंकर लाल पाटीदार का कहना है की उसे न्याय चाहिए लेकिन उसे न्याय नही मिल रहा? दूसरी तरफ किसान खुद बता रहा है कि 2010 से लेकर अब तक वह इस रजिस्ट्री को कोर्ट में चैलेंज नहीं ले गया है. यानी कोर्ट में अब तक रजिस्ट्री को लेकर कोई दावा या आपत्ति दर्ज नही करवाई है.
अब किसान कह रहा है कि अब वो कोर्ट में जाएगा...
जबकि इस मामले में कलेक्टर मंदसौर के बयान पर नजर डाले तो पहले ही कलेक्टर दिलीप यादव कह चुके हैं कि यदि इन्हें रजिस्ट्री से कोई ऐतराज है तो ये न्यायालय जा सकते हैं. हमारे हाथ में यह मामला अब नहीं है. रजिस्ट्री के बाद जो भी आपत्ति है उसका न्यायालय में वाद दायर करें.
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