IAS Sonia Meena vs MP High Court: नर्मदापुरम कलेक्टर IAS सोनिया मीना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, उन्होंने एक मामले में सीधे हाईकोर्ट के जज को चिट्ठी लिख दी. इस चिट्ठी को एडीएम ने कोर्ट में जज को दिया था, जिसके बाद जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ऐसे भड़के कि उन्होंने जमकर फटकार लगा दी. दरअसल, कलेक्टर ने मामले की सुनवाई कर रहे जज को सीधे पत्र लिखकर जमीन के एक मामले में पेशी से छूट मांगी थी. यह केस नामों के म्यूटेशन से जुड़ा था.
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जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने कहा, "इस लिफाफे में नर्मदापुरम की कलेक्टर द्वारा सीधे कोर्ट को लिखा गया एक पत्र है, जिसमें व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी गई है. कलेक्टर नर्मदापुरम का यह आचरण अक्षम्य है."
कलेक्टर का पत्र लेकर कोर्ट में हाजिर हुए एडीएम पर भी जज ने नाराजगी जताई. उन्होंने खुली अदालत में पत्र का लिफाफा लहराया था. यह तब हुआ जब राज्य सरकार के वकील पहले ही कलेक्टर के लिए पेशी से छूट की मांग कर रहे थे. एडीएम देवेंद्र कुमार सिंह नर्मदापुरम को यह गलतफहमी थी कि यह पत्र कलेक्टर द्वारा सीधे अदालत को संबोधित करके लिखा गया है, इसलिए अदालत बहुत प्रभावित होगी.
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इस अधिकारी को सीधे सस्पेंड करूंगा: जज
सोशल मीडिया पर जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं. जस्टिस ने गुस्से में कहा, "एडिशनल कलेक्टर को लगता है कि वह मेरी कलेक्टर हैं, वो कुछ भी कर सकती हैं. इस पर कोर्ट में मौजूद वकील कहते हैं कि मैंने पत्र देखकर ही सुबह उसको मना किया था. इस पर जस्टिस अहलूवालिया नाराज हो जाते हैं. एडीएम की नजर में आपकी कोई अहमियत नहीं हैं. यह शर्मनाक है. इनको प्रोसीजर पता नहीं है, ये मेरे को लेटर दिखाएंगे. मैं इस अधिकारी को सीधे सस्पेंड करता हूं, देखता हूं कि सीएम कैसे रद्द करता हूं."
जस्टिस आहूलवालिया ने डेप्युटी एडवोकेट जनरल को संबोधित करते हुए कहा कि अफसरों की इतनी हिम्मत बढ़ गई है कि आपको कुछ नहीं समझते हैं. जस्टिस ने कहा कि उस शख्स को हाईकोर्ट के प्रोटोकॉल की समझ नहीं है.
कलेक्टर सोनिया मीना नहीं हो सकीं पेश
राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि कलेक्टर सोनिया मीना 26 जुलाई को अपने अधिकार क्षेत्र में कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सकीं. अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद, अदालत ने जिला कलेक्टर को उसी दिन शाम 4 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह स्पष्टीकरण देने को कहा कि उन्होंने सीधे अदालत को पत्र क्यों लिखा था. अदालत ने कलेक्टर से महाधिवक्ता के कार्यालय द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद खुली अदालत में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के आचरण के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा.
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