Indore: इंदौर जिला कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया है. सिमी के एक सक्रिय सदस्य के खिलाफ कोर्ट ने तीन साल की सजा बरकरार रखी है. कोर्ट ने माना है कि सिमी का सदस्य रहा अमान नाम का युवक इसमें सक्रिय रूप से शामिल था और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्ट था. इंदौर जिला न्यायालय ने प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य को 3 साल की सश्रम सजा को बरकरार रखा है.
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इस मामले में आरोपी पर आरोप है कि वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था. वही यह आरोपी सिमी सरगना सरदार नागौरी का सहयोगी बताया जा रह रहा है. दरअसल, 2008 में अमान नाम के युवक ने सिमी सरगना सफदर नागौरी के कहने पर, सिमी संगठन के पर्चे और अन्य आपत्ति जनक, देश विरोधी साहित्य, लोगों को बांटा था.
जिसके लिए आरोपी अमान को 3/10 और 3/13 की धाराओं में 5 साल की सजा सुनाई गई थी. उस सजा के विरुद्ध आरोपी ने अपील लगाई थी, कि उस पर लगाए आरोप झूठे हैं. जिस पर आज सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के चलते, आरोपी अमान को धारा 3/13 के मामले में 3 साल की सश्रम जेल की सज़ा और 3 हजार का अर्थ दंड की सजा सुनाई है. जबकि धारा 3/10 के मामले में अमन को दोषमुक्त किया है.
आरोपी छोटी ग्वालटोली का रहने वाला है
दोषी पाया गया अमान मूल रूप से इंदौर के ही छोटी ग्वालटोली का रहने वाला है. उसके द्वारा लगातार देश विरोधी गतिविधियां की जा रही थीं. सिमी को नेस्तानाबूद करने वाली टीम ने इसे लंबे समय की जांच-पड़ताल के बाद गिरफ्त में लिया था. जिसके बाद पुलिस ने इसके खिलाफ सबूत एकत्रित किए. इन सबूतों को कोर्ट में कई सुनवाई के दौरान जांचा-परखा गया और इसके बाद इंदौर जिला कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा, कि अमान इस मामले में दोषी है और इसलिए उसकी सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा.
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