Indore Video Viral: स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त को अच्छे आचरण करने वाले 24 बंदियों को केंद्रीय जेल इंदौर से रिहा किया गया था, जिसमें 22 पुरुष व 2 महिला बंदी शामिल थीं. वहीं इन दिनों सोशल मीडिया पर सेंट्रल जेल से सजा काटकर छूटने वाले हत्या के दोषी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कैदी शैलू जायसवाल एक लक्जरी कार से सेंट्रल जेल के गेट पर सवार होकर निकल रहा है, इस कार में विधायक लिखा हुआ है और वह हाथ में तिरंगा लहराते हुए सेंट्रल जेल के गेट नंबर-2 से लाव-लश्कर के साथ बाहर निकल रहा है. अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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बता दें कि दोषी ने जेल से निकल कर शक्ति प्रदर्शन करने के इस वीडियो को एडिट कर साउथ की फिल्मों के गाने के साथ रील को सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था. केंद्रीय जेल अधीक्षिका अलका सोनकर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह वीडियो 15 अगस्त का है, जिसमें कैदी शैलू जायसवाल की सजा पूरी होने पर रिहाई हो रही है. रिहाई के बाद जिस गाड़ी में वह बैठकर जा रहा था, उसका वीडियो वायरल हुआ है. शैलू जायसवाल नाम का कैदी जिसको हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा दी गई. 15 अगस्त को पूरी हुई थी जिस पर उसे अच्छे आचरण के चलते रिहा किया गया था. यह वीडियो भी संभवतः 15 अगस्त का ही बना था.
देखिए वायरल वीडियो…
कार में विधायक लिखा था, इसलिए गेट-2 तक पहुंची
वीडियो को लेकर जेल अधीक्षिका ने बताया कि यह वीडियो मुलाकात परिसर का है, वहां पर उसकी गाड़ी थी और उसकी गाड़ी में विधायक लिखा था. इसलिए वह दूसरे नंबर गेट तक पहुंची थी. जेल अधीक्षिका सोनकर ने बताया, “गाड़ियां गेट 2 तक आ-जा सकती है लेकिन वहां पर वीडियो नहीं बनाया जा सकता है, जिसको लेकर केंद्रीय जेल अब और ज्यादा गंभीरता से देखेंगे. इस प्रकार से कोई वीडियो ना बनाएं और सतर्कता का ध्यान रखने की बात केंद्रीय जेल अधीक्षिका ने कही है. जिस गाड़ी पर विधायक लिखा था उसे गाड़ी पर नंबर भी ठीक से नहीं दिखाई दे रहे हैं. इसकी जानकारी भी नहीं ली है.”
सजा काटने जेल आया तो 18 साल थी उम्र
अलका सोनकर ने बताया कि “आरोपी शैलू को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा मिली थी, जिसमें 14 साल जेल में बिताने के बाद आचरण अच्छा होने पर 6 वर्ष की सजा की माफी शासन ने दी थी. रिकॉर्ड के अनुसार जब आरोपी शैलू जायसवाल जेल सजा भुगतने के लिए आया था, तब उसकी उम्र 18 वर्ष थी.”
ये था पूरा मामला
इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद बंदियों को 15 अगस्त को उनके अच्छे चाल-चलन के तहत रिहा किया गया था. सेंट्रल जेल में बंद 24 बंदियों को रिहा किया गया, जिसमें दो महिला कैदियों के साथ ही 22 पुरुष कैदी शामिल थे. जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने इस दौरान बताया की जिन कैदियों को रिहा किया गया. वह सभी अजीवन सजा के बंदी थे, लेकिन जेल में रहते हुए उनका व्यवहार काफी अच्छा था और उनके इसी व्यवहार को देखते हुए शासन ने उनकी बची सजा को माफ कर दिया था. जो भी बंदी केंद्रीय जेल से रिहा हुए उनको पुष्पमाला पहनाकर और स्वागत के साथ रिहा किया गया, साथ ही जेल में रहने के दौरान उन्होंने जेल के अंदर जो काम किया उसकी कमाई भी जेल प्रबंधक ने उन्हें सौंपी.
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