Gwalior Crime News: ग्वालियर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने सामने आया. जहां जॉब दिलाने के बदले में इंटरव्यू के पैनल में शामिल एक अधिकारी ने इंटरव्यू देने वाली एक छात्रा से उसकी इज्जत ही मांग ली. छात्रा ने इस बात की शिकायत पुलिस में भी दर्ज कराई. जिसके बाद में सीएम मोहन यादव के संज्ञान में ये मामला आया. सीएम ने इसे घोर निंदनीय और अमर्यादित बताते हुए आरोपी अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी है.
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नौकरी देने के बदले मांगी इज्जत
बीज विकास निगम में संविदा भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. इसके लिए ग्वालियर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 3 जनवरी को इंटरव्यू भी आयोजित किए गए. इंटरव्यू लेने वाले पैनल में बीज विकास निगम का प्रोडक्शन असिस्टेंट संजीव कुमार भी शामिल था. इंटरव्यू देने के लिए कई उम्मीदवार पहुंचे थे. इन्हीं में से एक छात्रा को इंटरव्यू के तुरंत बाद संजीव कुमार द्वारा फोन किया गया.
छात्रा से उसके घर-परिवार के बारे में जानकारी ली गई और इसके बाद छात्रा से यह बात कही गई कि उसका सिलेक्शन इस नौकरी के लिए हो सकता है, लेकिन इसके लिए उसे कुछ देना पड़ेगा. कुछ देर बाद छात्रा के व्हाट्सएप पर यह डिमांड आ गई कि उसे एक रात बितानी होगी, अपनी इज्जत देनी होगी, इसके बदले उसे नौकरी हासिल हो जाएगी.
ऐसे हुआ खुलासा
प्रक्षेत्र उत्पादन अधिकारी का घिनौना मैसेज पढ़कर छात्रा परेशान हो उठी. उसने मैसेज तो डिलीट कर दिया, लेकिन मैसेज डिलीट करने से पहले उसका स्क्रीनशॉट ले लिया. छात्रा ने जब अपनी उन साथी छात्राओं से बातचीत की, जिन्होंने इंटरव्यू दिया था तो मालूम हुआ कि दो अन्य छात्राओं के पास भी संजीव कुमार द्वारा मैसेज भेजकर इसी तरह की डिमांड की गई थी. इसके बाद पीड़ित छात्रा ने इस बात की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई. ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने जिस मोबाइल नंबर से कॉल और मैसेज आया था, उस मोबाइल नंबर की जांच की तो मालूम हुआ कि यह मोबाइल नंबर संजीव कुमार का है.
मामले का सीएम मोहन यादव ने लिया संज्ञान
ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने धारा 354 ए के तहत एफआईआर दर्ज की और इसके बाद संजीव कुमार को गिरफ्तार लिया. मामला नोटिसेबल था, इसलिए नोटिस देकर संजीव कुमार को छोड़ भी दिया गया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में कई तरीके के सवाल खड़े कर दिए हैं. मामला संज्ञान में आने पर सीएम यादव ने इसे घोर निंदनीय और अमर्यादित बताते हुए आरोपी अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी है. उन्होंने कहा कि ऐसा हीन कार्य करने वाले किसी भी शख्स को शासकीय सेवा में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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