Indore crime news: इंदौर में एक नाबालिग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ती थी. परीक्षा में फेल हो जाने की वजह से वह डिप्रेशन में थी और डिप्रेशन में आकर छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. मृत्यु पूर्व छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें नाबालिग छात्रा ने कई दर्द भरी और भावुक बाते लिखी. छात्रा की मौत के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी ने यही कहा कि एक बार छात्रा ने बोला होता तो शायद उसे समझा-बुझाकर डिप्रेशन से बाहर ले आते और आज वह परिजनों के बीच जीवित होती.
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छात्रा ने जो सुसाइड नोट छोड़ा है, उसमें अपने मम्मी-पापा के लिए सॉरी लिखा है. छात्रा परदेशीपुरा थाना क्षेत्र की रहने वाली थी. सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि ‘सॉरी मम्मी पापा, मै पास नहीं हो पाई और मुझे पता है कि मैं किसी लायक नहीं हूं. आपको पता चलता उससे पहले मुझे पता चल गया कि मैं फेल हो गई हूं. मैं यह सोचकर डर रही हूं. मैंने गोली भी खाई थी. मैं मर जाऊं पर उससे कुछ नहीं होगा मम्मी. मैं ना पढ़ने में अच्छी हूं और काम में भी अच्छी नहीं हूं’. बस यह चंद लाइनें लिखकर छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में यह मामला पूरी तरह से सुसाइड का नजर आ रहा है. छात्रा के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें छात्रा ने परीक्षा में फेल होने की वजह से सुसाइड करने का कारण लिखा हुआ है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार छात्रा डिप्रेशन में थी और उसी कारण उसने आत्महत्या जैसा बड़ा आत्मघाती कदम उठा लिया.
परिजन बोले, फेल होने पर भी कुछ नहीं कहते, लेकिन छात्रा ने बताया ही नहीं
परिजन अपनी बच्ची के इस तरह से आत्महत्या करने से बेहद सदमे में हैं. परिजनों का कहना है कि यदि एक बार भी छात्रा ने परीक्षा में फेल होने की बात बताई होती तो उसको कोई कुछ नहीं कहता. पास-फेल होने से जिंदगी खत्म नहीं होती है. लेकिन छात्रा ने इस बारे में अपने मम्मी-पापा से बात ही नहीं की. यदि बात होती तो बच्ची को बचा लेते, उसको ऐसा आत्मघाती कदम नहीं उठाने देते.
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