धोखाधड़ी के आरोपी साधु को पकड़ने के लिए मुरैना पुलिस ने अपनाई ऐसी तरकीब, जानकर चौंक जाएंगे

हेमंत शर्मा

06 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 6 2023 8:32 AM)

Morena news: साधु महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए दो श्रद्धालु आश्रम में पहुंचे थे. श्रद्धालुओं ने साधु महाराज को माला पहनाई, पैर छुए और फिर धीरे से साधु महाराज के कान में बोले कि हम आपको गिरफ्तार करने आए है. ऐसा सुनते ही साधु महाराज के पसीने छूट गए. यह पूरा मामला मथुरा के […]

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Morena news: साधु महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए दो श्रद्धालु आश्रम में पहुंचे थे. श्रद्धालुओं ने साधु महाराज को माला पहनाई, पैर छुए और फिर धीरे से साधु महाराज के कान में बोले कि हम आपको गिरफ्तार करने आए है. ऐसा सुनते ही साधु महाराज के पसीने छूट गए. यह पूरा मामला मथुरा के राम जानकी मंदिर आश्रम का है और साधु महाराज को गिरफ्तार करने वाली पुलिस मुरैना जिले की सिविल लाइन थाना पुलिस है.

दरअसल, साधु महाराज की गिरफ्तारी का पूरा मामला मुरैना के एक मंदिर की जमीन को लेकर हुई धोखाधड़ी से संबंधित है. सिविल लाइन थाने के टीआई वीरेश कुशवाहा ने एमपी तक को फोन पर हुई बातचीत में जानकारी देते हुए बताया कि मुरैना में सिविल लाइन थाना इलाके में तपसी गुफा मंदिर स्थित है. इस मंदिर से 6 बीघा से अधिक की जमीन भी लगी हुई है. मंदिर से लगी हुई इस जमीन पर दुकान भी बनी हुई है.

इन्हीं दुकानों के किराए को हड़पने के लिए इसी मंदिर पर रहने वाले साधु महाराज रामशरण ने अपने एक अन्य सहयोगी दान बिहारी के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाने की योजना तैयार की थी. इस योजना में साधु रामशरण ने जौरा खुर्द गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र यादव और अशोक यादव को भी शामिल कर लिया. इन लोगों ने मिलकर एक फर्जी ट्रस्ट बना लिया और उसकी रसीद भी छपवाली. इन्हीं रसीदों के माध्यम से मंदिर की जमीन पर बनी हुए दुकानों का किराया वसूलने लगे. इस फर्जीवाड़े की जानकारी जब मंदिर के मुख्य महंत मदन मोहन को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई.

पुलिस के डर से बाबा पहुंच गया मथुरा

3 नवंबर 2021 को सिविल लाइन थाना पुलिस ने साधु रामशरण सहित दानबिहारी, सुरेंद्र यादव और अशोक यादव के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली और तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया लेकिन रामशरण की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. बाबा रामशरण मंदिर को छोड़कर मथुरा के राम जानकी मंदिर आश्रम में जाकर रहने लगे. धोखाधड़ी के आरोपी बन चुके बाबा रामशरण को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस आज नहीं तो कल उन्हें गिरफ्तार कर लेगी इसलिए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत के प्रयास शुरू कर दिए थे.

हाईकोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस

पुलिस ने आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करने के लिए मथुरा पहुंचकर उनकी तलाश भी की लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली. इसके बाद एक बार फिर से बाबा रामशरण के वकील ने ग्वालियर हाई कोर्ट में बाबा रामशरण की अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगा दिया. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करने के लिए मुरैना पुलिस को सख्त निर्देश दिए. कोर्ट से मिले सख्त निर्देश का पालन करने के लिए सिविल लाइन थाना पुलिस की दो टीम बनाई गई.

ऐसे पकड़े गए आरोपी बाबा

बाबा को पकड़ने के लिए दो टीम बनाई गई, जिसमें 8 लोग शामिल किए गए थे. दो पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे. टीआई वीरेश कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला साधु संत से जुड़ा हुआ था. इसलिए बात बिगड़ ना जाए इसका ध्यान रखते हुए मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह ने मथुरा के एसपी से बात की और उन्होंने पूरे मामले के बारे में अवगत कराया. इसके बाद मुरैना पुलिस की टीम मथुरा पहुंच गई और यहां गोवर्धन परिक्रमा में स्थित राम जानकी मंदिर आश्रम में मुरैना पुलिस टीम के दो पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में मंदिर पहुंच गए.

यह दोनों पुलिसकर्मी अपने साथ फूलमाला मिठाई लेकर गए थे. आश्रम में पहुंचकर दोनों पुलिसकर्मियों ने आश्रम में रहने वाले साधु संतों से मिलने की और उनका आशीर्वाद लेने की इच्छा जाहिर की. शुरुआत में दोनों पुलिसकर्मियों की बाबा रामशरण से मुलाकात नहीं हो सकी. तब तक दोनों पुलिसकर्मियों ने आश्रम में मौजूद अन्य साधु संतों से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. कुछ देर बाद बाबा रामशरण से भी पुलिसकर्मियों की मुलाकात हो गई.

बाबा को दोनों आरोपियों ने माला पहनाई

बाबा रामशरण को दोनों पुलिसकर्मियों ने पहले माला पहनाई उनके पैर छुए उनका आशीर्वाद लिया और फिर कान में धीरे से बोले कि हम मुरैना के सिविल लाइन थाने से हैं और आपको गिरफ्तार करने आए हैं, हमारे साथ काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद है इसलिए आप हमारे साथ चलिए. यह सुनकर बाबा रामशरण समझ गए कि अब वह पुलिस से नहीं बच सकते हैं. इसके बाद बाबा रामशरण पुलिस के साथ चलने तैयार हो गए. सिविल लाइन थाना पुलिस बाबा रामशरण को अपने साथ मुरैना ले आई और इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया.

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