मोबाइल-टीवी चलाने से रोका तो बच्चों ने पेरेंट्स पर करा दी FIR, इंदौर से आया हैरान करने वाला केस

Indore News: इंदौर में माता-पिता द्वारा मारपीट करने और ज्यादा समय तक मोबाइल चलाने के मामले में बच्चों को रोकने के मामले में एक हैरान और समाज को सोचने पर मजबूर करने वाला मामला सामने आया है.

इंदौर से हैरान करने वाला केस सामने आया है.

indore_news

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

इंदौर से टीवी-मोबाइल को लेकर एक हैरान करने वाला केस सामने आया

point

मोबाइल देखने से रोकने पर बच्चों ने अपने ही माता-पिता के खिलाफ केस करवा दिया

Indore News: इंदौर में माता-पिता द्वारा मारपीट करने और ज्यादा समय तक मोबाइल चलाने के मामले में बच्चों को रोकने के मामले में एक हैरान और समाज को सोचने पर मजबूर करने वाला मामला सामने आया है. बच्चों को माता-पिता ने टीवी देखने और मोबाइल चलाने से रोका था, बच्चों ने इस मामले में साल 2021 में क्षेत्र के चंदन नगर थाने में जुवेनाइल एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई थी. इस मामले में जिला कोर्ट में चल रही सुनवाई को बच्चों के परिजनों ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया और हाईकोर्ट ने जिला ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है.

इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में 21 साल की बेटी और 8 साल के बेटे ने अपने माता-पिता के खिलाफ साल 2021 में शिकायत दर्ज कराई थी, जहां बच्चों का आरोप था कि माता-पिता उन्हें टीवी देखने, मोबाइल चलाने से रोकते थे. इस कारण उन्हें रोज डांटते थे. साथ ही मारपीट भी करते थे. इस मामले में चंदन नगर पुलिस ने बच्चों की शिकायत पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. 

जिला कोर्ट में चल रही थी सुनवाई

पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ चालान पेश किया और इस मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई भी शुरू कर दी है, जिसके बाद बच्चों के पिता अर्जुन ने और मां ने इस मामले को हाईकोर्ट में अपने वकील और रिटायर्ड डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी के माध्यम से चुनौती दी. 

ये भी पढ़ें: MP News: गर्लफ्रेंड से नहीं हो पाई शादी तो प्रेमी ने भाई से लिया ऐसा खौफनाक बदला, पुलिस भी हैरान

बच्चों को समझाइश देकर मामला सुलझाने की कोशिश

अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी के अनुसार, "याचिका में कहा गया है कि 25 अक्टूबर 2021 को बच्चे थाने पहुंचे थे और पुलिस को बताया कि माता-पिता उनके मोबाइल और टीवी देखने पर उन्हें डांटते हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद जिला कोर्ट में माता-पिता के खिलाफ शुरू हुए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है. चौधरी ने कहा कि बच्चों द्वारा की गई शिकायत का यह पहला मामला है, जिसमें परिजनों को ऐसे मामले में अन्य परिजनों के साथ मिलकर मामले को सुलझाना चाहिए और बच्चों समझाइश देना चाहिए.

    follow google newsfollow whatsapp