Khargone: सनसनीखेज वारदात! 40 फीट गहरे कुएं में सीमेंट के खंबे से बंधा मिला महिला का शव, मचा हड़कंप

Murder In Khargone: मध्य प्रदेश के खरगोन में हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बलवाड़ा थाना क्षेत्र के चैनपुरा गांव के कुएं में 45 वर्षीय महिला का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया.

Murder In Khargone

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Murder In Khargone: मध्य प्रदेश के खरगोन में हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बलवाड़ा थाना क्षेत्र के चैनपुरा गांव के कुएं में 45 वर्षीय महिला का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया. महिला को सीमेंट के खंभे पर फेन्सिग तार से बांधकर कुएं में फेंका गया था. महिला के चेहरे और गले को भी रस्सी से बांधा गया है. पुलिस इस मामले की जांट में जुट गई है. 

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट से होंगे खुलासे?

संदिग्ध परिस्थिति में महिला का शव मिलने से हड़कंप मच गया. शव गलने लगा है, पुलिस के मुताबिक ये लाश कई दिन पुरानी हो सकती है. पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर लिया है और जांच में जुट गई है. जानकारी के मुताबिक महिला मानसिक रोगी थी, ऐसे में उसकी हत्या होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. शव को पीएम के लिए भेजा गया है, पीएम रिपोर्ट सामने आने के बाद कई खुलासे हो सकते हैं. 

पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों की सहायता से जब पानी से भरे कुएं से शव को बाहर निकाला गया तो महिला के हाथ पर लिखे नाम से उसकी शिनाख्त जहांबाई पति रमेश 45 निवासी चैनपूरा के रूप में हुई है. 

40 फीट गहरे कुएं में मिला शव

थाना प्रभारी सीएल कटारे ने बताया, "मृतिका जहांबाई का शव चैनपूरा गांव से करीब 500 मीटर दूर जंगल में स्थित वन विभाग के पानी से भरे 40 फीट गहरे कुंए में शव मिला. डिप्टी रेंजर बलवाड़ा आखिलेश ने शव मिलने की जानकारी बलवाड़ा थाने पर दी. सूचना मिलते ही थाना टीआई सीएल कटारे, आरक्षक संजय चौहान और स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद ग्रामीणों की सहायता से महिला की लाश को बड़वाह के गोताखोरों की मदद से कुएं से बाहर निकाला गया."

मानसिक रोगी थी महिला

बड़वाह सिविल अस्पताल आए मृतिका के भाई छोगालाल ने बताया कि जहांबाई का विवाह पास में  ही लाईनपुरा गांव के हुआ था. 15 साल पहले जहांबाई को उसके पति ने छोड़ दिया था. उसकी एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है. पति के छोड़ने के बाद से ही वह अपने मायके ही रह रही थी, लेकिन वह मानसिक रोगी थी. उसका इलाज भी चल रहा था। वो घर छोड़कर चली जाती और कई दिन तक वापस नहीं आती थी. 2 मई को वो घर से चली गई थी. हमें लगा कि वो वापस आ जाएगी, इसलिए पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी. जहाबाई 5 भाई–बहनों में सबसे बड़ी थी.
 

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