सीएम मोहन यादव के गृह जिले में ये मैडम मांग रही थीं खुलेआम रिश्वत, लेकिन तभी आ गई लोकायुक्त पुलिस

संदीप कुलश्रेष्ठ

04 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 4 2024 1:43 PM)

Ujjain Lokayukta Police: सीएम मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में एक महिला अधिकारी खुलेआम रिश्वत मांग रही थी. पीएचई विभाग की इस महिला अधिकारी के कारण एक ठेकेदार का तीन साल का भुगतान नहीं हो रहा था. परेशान होकर लोकायुक्त पुलिस को ठेकेदार ने शिकायत कर दी और उसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने महिला अधिकारी को ट्रैप कर 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

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Ujjain Lokayukta Police: सीएम मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में एक महिला अधिकारी खुलेआम रिश्वत मांग रही थी. पीएचई विभाग की इस महिला अधिकारी के कारण एक ठेकेदार का तीन साल का भुगतान नहीं हो रहा था. परेशान होकर लोकायुक्त पुलिस को ठेकेदार ने शिकायत कर दी और उसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने महिला अधिकारी को ट्रैप कर 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

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उज्जैन में लोकायुक्त पुलिस ने पीएचई विभाग में पदस्थ अस्सिटेंट इंजीनियर को रिश्वत लेते हुए  पकड़ा. अस्सिटेंट इंजीनियर निधि मिश्रा शांडिल्य ने फरियादी से 60 हजार रूपए रिश्वत की मांग की थी. इस मामले में शिकायत मिलने पर ये कार्रवाई की गई. लोकायुक्त निरीक्षक राजेश पाठक ने बताया कि अक्षय पाटीदार द्वारा पीएचई ग्रामीण के ऑफिस में पदस्थ असिस्टेंट इंजिनियर निधि मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी. 

शिकायत के सत्यापन के बाद बुधवार दोपहर में जंतर मंतर स्थित लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ अस्सिटेंट इंजीनियर निधि मिश्रा को 60 हजार की नगद रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है. लोकायुक्त डीएसपी ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए करीब 10 लाख रूपए की राशि का बिल पीएचई द्वारा पास नहीं किया जा रहा था.

उज्जैन पीएचई ग्रामीण ऑफिस में कार्रवाई के बाद पीएचई कार्यालय में हड़कंप मच गया. शिकायतकर्ता अक्षय पाटीदार ने बताया कि जलजीवन मिशन के तहत उन्होंने अक्टूबर 2020 में घट्टिया ब्लाॅग में निर्माण कार्य का ठेका लिया था. बीच में कोरोना काल के चलते उनके द्वारा किए गए कार्य में चार महीने का अतिरिक्त समय लग गया. उसके बाद से अब तक वे अपने कार्य की राशि के लिए परेशान हो रहे हैं.

चार साल से पीड़ित कर रहा था शिकायत

चार साल में उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की. जब ये मामला उपर तक पहुंच गया तब जाकर पीएचई ने उनके प्रकरण पर सुनवाई आरंभ की और टालने के लिए कई तरह के कागजों की मांग करते रहे. अक्षय पाटीदार ने बताया कि उज्जैन पीएचई ग्रामीण ऑफिस में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर निधि मिश्रा ने उनसे रिश्वत की मांग की. 60 हजार रूपए देना तय किया गया और 13 जून को लोकायुक्त पुलिस से इसकी शिकायत की. शिकायत के बाद ये ट्रेप लोकायुक्त विभाग के निर्देशन में किया गया.

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