Priyal Success Story: किसान पिता की बेटी 11वीं में हो गई फेल, फिर ऐसा चढ़ा जुनून कि 3 बार क्लीयर किया MPPSC

एमपी तक

16 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 16 2024 1:45 PM)

MPPSC Success Story: मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर प्रियल यादव के संघर्ष की कहानी कुछ ऐसी है, जो हार नहीं मानने और लगातार कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है. किसान की बेटी प्रियल ने लगातार तीन बार एमपीपीएसी का एग्जाम क्रेक किया.

mptak
follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

11 वीं में फेल होने वाली प्रियल यादव के संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरणादायक है.

point

प्रियल ने लगातार तीन बार एमपीपीएसी का एग्जाम क्रेक किया.

point

प्रियल यादव मूल रूप से मध्यप्रदेश में हरदा जिले की रहने वाली हैं.

MPPSC Success Story: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर प्रियल यादव के संघर्ष की कहानी कुछ ऐसी है, जो हार नहीं मानने और लगातार कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है. किसान की बेटी प्रियल ने लगातार तीन बार एमपीपीएसी का एग्जाम क्रेक किया. 11 वीं में फेल होने वाली प्रियल यादव के संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरणादायक है.

11वीं में फेल होने वाली प्रियल के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आने वाले दिनों में ये लड़की MPPSC जैसा कठिन एग्जाम क्लीयर करेगी, वो भी एक नहीं बल्कि 3-3 बार. प्रियल यादव ने 2023 एमपीपीएससी एग्जाम में 6वीं रैंक हासिल की और टॉप 10 में जगह बनाई.

ये भी पढ़ें: मुश्किल में फंसी लेडी सिंघम सोनिया मीणा? दबंग IAS को हाई कोर्ट ने क्यों लगाई फटकार

पिता तीसरी फेल और बेटी बनीं डिप्टी कलेक्टर

प्रियल यादव मूल रूप से मध्यप्रदेश में हरदा जिले की रहने वाली हैं. वे  ग्रामीण इलाके से आती हैं और बेहद सामान्य घर-परिवार से हैं. उनके पिता एक किसान हैं, और मां एक हाउस वाइफ हैं. उनकी मां सातवीं या आठवीं तक पढ़ी हैं, वहीं पिता तीसरी कक्षा तक पढ़े हैं. 

जब 11वीं में फेल हो गईं...

प्रियल 10वीं तक अपनी कक्षा में टॉप करती थीं, लेकिन 11 वीं कक्षा में जब आई तो पारिवारिक दबाव में  भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और मैथ्स सब्जेक्ट चुन लिया. प्रियल को इन विषयों में कोई रुचि नहीं थी, जिसकी वजह से वह 11वीं में भौतिक विज्ञान में फेल हो गईं. इस घटना ने प्रियल को झकझोर कर रख दिया. लेकिन प्रियल ने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने के लिए कोशिश में जुट गईं. 

ऐसे 3 बार क्लीयर किया MPPSC

प्रियल ने जब पहली बार पीएससी का एग्जाम दिया तो वे प्रीलिम्स में असफल हो गईं थीं. वे नई रणनीति के साथ फिर पढ़ाई में जुट गईं. तैयारी के दौरान प्रियल 17-18 घंटे पढ़ाई करती थीं और इसी मेहनत के बलबूते पर सफलता पाई. प्रियल यादव ने 2019 में MPPSC एग्जाम दिया, जिसमें 19वीं रैंक हासिल की और डिस्ट्रिक्स रजिस्ट्रार बनीं. वह इससे खुश नहीं थीं और फिर से तैयारी शुरू कर दी. अगले साल MPPSC 2020 में 34वीं रैंक लेकर आईं, उन्हें सहकारिता विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद के लिए चुना गया. प्रियल ने 2021 में फिर परीक्षा दी और 6वीं रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर बन गईं. 

ये भी पढ़ें: MPPSC Exam 2024: राज्य सेवा मुख्य परीक्षा अक्टूबर में, आवेदन हुए शुरू, ये है आखिरी तारीख

    follow google newsfollow whatsapp